शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

वसुंधरा की 'राजस्थान गौरव' यात्रा से सैनी साइड-लाइन

प्रदेश में चार महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले निकलने वाली मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी को साइड लाइन कर दिया गया है।

जयपुर । प्रदेश के सियासी मैदान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा 4 अगस्त से दौड़ेगी, इसी के साथ ही भाजपा के चुनावी अभियान का भी आगाज होगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा ने राजस्थान गौरव यात्रा को प्रदेशभर में दौड़ाने की जिम्मेदारी अपने खास सिपहसलारों को दी है। जबकि, इस यात्रा के लिए बनी प्रदेश समिति में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी को शामिल नहीं किया गया है।

राजसमंद स्थित चारभुजाजी से शुरू होने वाली वसुंधरा की राजस्थान गौरव यात्रा को  लेकर सभी तैयारियों को करीब-करीब अंतिम रुप दे दिया गया है। इस यात्रा के जरिए एक बार फिर वसुंधरा विकास कार्यों के जरिए प्रदेशवासियों के मन में अपनी पैठ बनाना चाहती हैं। इस यात्रा को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के बीच हुए मंथन के बाद प्रदेश समिति के साथ ही यात्रा के संयोजक और सह संयोजक की नियुक्ति कर दी गई है। इस यात्रा का संयोजक गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को बनाया गया है।

जबकि, सहसंयोजक वसुंधरा के करीबियों में से एक पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को बनाया गया है। इसके साथ ही प्रदेश समिति में भी वसुंधरा के  ही खास मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश समिति में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़, पीडब्ल्यूडी मंत्री युनुस खान, जनअभाव अभियोग निगरानी समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटिदार को शामिल किया है।


इसी प्रकार  राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत,  खाद्य आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा,  राज्य सभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, प्रदेश उपाध्यक्ष रामनारायण डूडी, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी और यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी को भी इस समिति में शामिल किया है।  जानकारी के मुताबिक यही सभी सदस्य राजस्थान गौरव यात्रा को लेकर सभी जिम्मेदारियों को निभाएंगे। खास बात यह है कि वसुंधरा के इस खास टीम से प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी को दूर रखा गया है।

यात्रा के लिए बनी टीम में सैनी को जगह नहीं मिलने पर सियासी रुप से चर्चा जारी है। माना जा रहा है कि वसुंधरा के लिए ये यात्रा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए बेहद खास है। ऐसे में वसुंधरा किसी और के बजाए अपने खास सिपहसलारों को कमान सौंपी है।

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