सोमवार, 23 जुलाई 2018

रामगढ़ के विधायक ज्ञानदेव आहूजा का आरोप, पुलिस हिरासत में बेरहमी मारपीट से हुई अकबर खान की मौत

 रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा था, ‘जो गो-तस्करी करेगा वो ऐसे ही मरेगा.’ इसके बाद भी वे कई बार कथित गोरक्षकों के समर्थन में बयान दे चुके हैं.
जयपुर। अलवर में मॉब लिंचिंग मेें मरने वाले अकबर खान के मामले में नया मोड आ गया है। रामगढ़ के विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने और घटना की सूचना देने वाले नवलकिशोर शर्मा ने अब पुलिस पर ही आरोप लगा दिया।

उनका कहना है कि पुलिस अकबर ख़ान को अस्पताल ले जाने की बजाय थाने ले गई, जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट हुई। रामगढ़ थाना पुलिस के अनुसार, ललावंडी निवासी नवल किशोर शर्मा ने शुक्रवार रात 12.41 बजे सूचना दी कि कुछ लोग गायों को लेकर हरियाणा की तरफ जा रहे हैं. घटनास्थल थाने से महज़ तीन किलोमीटर दूर है, जहां पुलिस को पहुंचने में 10 मिनट से भी कम समय लगा। मौके पर पहुंची तो कई लोग पुलिस की गाड़ी देखकर वहां से भाग गए, लेकिन ललावड़ी गांव के धर्मेंद्र और परमजीत वहीं खड़े मिले. जबकि अकबर ख़ान घायल स्थिति में कीचड़ में पड़ा हुआ मिला. पुलिस की मानें तो वह यहां से अकबर को सीधे अस्पताल लेकर गई जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल से रामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी चार किलोमीटर के आसपास है। यहां पहुंचने में 10-15 मिनट का समय नहीं लगता, लेकिन पुलिस को अकबर ख़ान को यहां लाने में तीन घंटे का समय लग गया. अस्पताल में अकबर का इलाज करने वाले डॉक्टर के मुताबिक पुलिस उसे सुबह करीब चार बजे अस्पताल लेकर पहुंची। विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने अकबर ख़ान को तीन घंटे तक थाने में रखकर उसके साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, ‘लोगों ने मौके पर अकबर ख़ान से ज़्यादा मारपीट नहीं की। कुछ लोगों ने दो-चार थप्पड़-घूंसे ज़रूर मारे। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे सही-सलामत वहां से लाई थी। थाने में उसकी पिटाई हुई, जिससे उसकी मौत हुई।’ घटना की सूचना देने वाले नवल किशोर शर्मा भी कुछ ऐसा ही बताते हैं। वे कहते हैं, ‘मौके पर अकबर कीचड़ में सना पड़ा था। पुलिस उसे सीधे रामगढ़ पुलिस थाने ले गई। यहां उसे नहलाया। धर्मेंद्र को भेजकर कपड़े मंगाए और उसे पहनाए। इस दौरान थाने में उसके साथ मारपीट की गई। इसी से अकबर की मौत हुई है।’ विधायक आहूजा की मानें तो उन्होंने गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया को इससे अवगत करा दिया है। वे कहते हैं, ‘इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए तभी सच सामने आएगा। मैंने गृह मंत्री को घटना की जानकारी दे दी है. मैंने उनसे न्यायिक जांच करवाने का आग्रह किया है।’

हालांकि पुलिस विधायक के इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है। मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद कहते हैं, ‘विधायक का आरोप पूरी तरह से गलत है। घटनास्थल पर अकबर ख़ान हमें घायल अवस्था में कीचड़ में पड़ा हुआ मिला था। उसे काफी चोटें लगी हुई थीं। हालांकि वह बोलने की स्थिति में था। रास्ते में उसने ख़ुद का और अपने साथी का नाम-पता बताया और बयान दर्ज करवाए।’ वे आगे कहते हैं, ‘पुलिस अकबर ख़ान को थाने लेकर ही नहीं गई। उसे सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। थाने में मारपीट का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। पता नहीं विधायक ऐसा क्यों कह रहे हैं।

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