शनिवार, 21 जुलाई 2018

मां-बाप बनी राजस्थान सरकार ने किया कन्यादान

जयपुर। पिंकसिटी में एक ऐसी शादी हुई है, जिसमें राजस्थान सरकार ने पीहर पक्ष की भूमिका निभाई।  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा जयपुर में संचालित महिला सदन की 12 बेटियों का  विवाह कराया गया। पीहर पक्ष बनी राजस्थान सरकार ने बेटियों की शादी का पूरा अरेंजमेंट किया।
राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं विभाग के मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, लोकायुक्त एसएस कोठारी और अन्य विभाग के अधिकारियों ने बेटी वाले बनकर बारातियों का स्वागत किया। महिला सदन में रह रही इन बेटियों का पालन-पोषण सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने किया। आज जब ये बेटियां बड़ी हुईं तो इसी विभाग ने उनके हाथ पीले करने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई। इन बेटियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मिशन को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमें कभी बोझ ना समझें, क्योंकि आज हम पूरी तरह से सक्षम हैं।

वर-वधू को दिया आशीर्वाद

महिला सदन की 12 कन्याओं को पति के साथ सुखमय जीवन जीने का आशीर्वाद देकर विदाई दी गई। मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी, मुख्य सचिव डीवी गुप्ता, लोकायुक्त एसएस कोठारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव जेसी मोहंती, विशेष योग्यजन आयुक्त धनाराम पुरोहित, निदेशक डॉ. समित शर्मा, सीकर जिला प्रमुख सहित विभिन्न समाजों के भामाशाहों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने आशीर्वाद दिया।महिला सदन की 12 कन्याओं को
शादी के बाद विदाई के दौरान घर-गृहस्थी बसाने के लिए 58 तरह के सामान उपहार में दिए गए। इनमें टीवी, फ्रिज, पंखा, पलंग, ड्रेसिंग टेबल, गद्दे, अलमारी, मिक्सी, सीलिंग फैन, सिलाई मशीन, बर्तन, चूल्हा, खाना बनाने के बर्तन आदि शामिल हैं।

चतुर्वेदी ने सहयोग देने वालों का जताया आभार

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने इस विवाह में सहयोग देने वाले अधिकारियों कर्मचारी संघों, सामाजिक संस्थाओं, भामाशाहों का आभार जताया। शादी में राजस्थान राज्य अधिकारी संघ द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई, वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी संघ ने प्रत्येक बेटी को 11-11 हजार, छात्रावास अधीक्षक ने 61 हजार, राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद ने टैंट व्यवस्था, मंत्रालय कर्मचारी संघ के अलावा वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र सुराणा ने 40 हजार, विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं सामाजिक संगठनों ने सहयोग किया।मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने सामूहिक विवाह समारोह में कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इन बेटियों की नियमित सार-संभाल करेगा। राज्य सरकार निराश्रित बेटियों के पुनर्वास के लिए काम करती है। विभाग द्वारा 2015 में भी 25 से अधिक ऐसी बेटियों की शादी की गई थी, वे आज उनका जीवन ससुराल में हंसी-खुशी व्यतीत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद सभी बेटियां अपने पति के साथ महिला सदन में अपने पीहर में आएंगी और सामाजिक परंपरा के अनुसार स्वागत व अन्य कार्यक्रम कर उन्हें विदाई दी जाएगी।

शादी की डेढ़ माह से चल रही थी तैयारियां
मंत्री चतुर्वेदी का कहना था कि शादी की तैयारियां पिछले डेढ़ महीने से चल रही थी। शादी में किसी तरह की कमी न रहे, इसके लिए अलग-अलग समितियां बनाई गई थीं। सरकार शादी के बाद की रस्मों को भी पूरी तरह निभाएगी।

 इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का यह अच्छा प्रयास है। बेसहारा बालिकाओं को पढ़ा-लिखा कर उनके बालिग होने पर शादी के बंधन में बांध रहा है, उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी बेटियों का भविष्य सुखद होगा। मुख्य सचिव गुप्ता कहा कि सरकार का यह प्रयास काफी सराहनीय है, इस प्रयास से लोगों की सोच बदलेगी और समाज में बेटियों की लोग इज्जत करेंगे। शादी में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रही, भामाशाहों के सहयोग से विवाह में किसी भी तरह की कमी नहीं रही।

समारोह में लोकायुक्त एसएस कोठारी अपनी पत्नी के साथ शामिल हुए। उनका कहना था कि यहां आकर दिल को सुकून मिल रहा है, क्योंकि सरकार की इस पहल से लोगों की सोच बदलेगी, जो बेटियों को बोझ समझते हैं।



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