कांग्रेस अपनी रोटियां सेंकना चाहती है। वह अपनी जरूरत के हिसाब से गठबंधन चाहती है, वहीं बसपा भी अपना स्वार्थ देख रही है। कांग्रेस के मध्यप्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बसपा के साथ गठबंधन चाहते हैं। इसके लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही हाल छत्तीसगढ में हैं। वहीं बसपा चीफ तीनों चुनावी राज्यों में मलाई का स्वाद चखना चाहती हैं। तीनों राज्यों में गठबंधन की बसपा प्रमुख की शर्त ने कांग्रेस चीफ को उलझन में डाल दिया है।
राजस्थान को छोड़ दोनों राज्यों में बीजेपी 15 साल से मजबूत स्थिति में है। इसलिए कांग्रेस इन दोनों राज्यों में तो गठबंधन चाहती है, लेकिन राजस्थान में नहीं। कांग्रेस का मानना है कि मप्र और छग में बसपा से हाथ मिलाने से दलित वोट पक्ष में हो जाएंगे और जीत भी। जबकि राजस्थान कांगेस इसके पक्ष में नहीं है। यहां कांगेस को अपनी बदौलत जीत की पूरी उम्मीद है।
अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि कांग्रेस नेतृत्व बसपा प्रमुख की शर्त को मानता है। या बहनजी अपनी शर्त वापस लेती हैं। अगर राजस्थान में गठबंधन होता है तो बीएसपी को कुछ सीटों से संतुष्ट किया जा सकता है। वैसे बसपा राजस्थान में पिछले 2013 के चुनाव में तीन सीटें जीती थी। इस लिहाल से एक-दो सीटें और बढ़ाकर उससे गठबंधन पर कांग्रेस विचार कर सकती है।

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