जयपुर। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए राजधानी जयपुर में क्वारंटाइन सेंटर्स पर रह रहे लोगों के साथ-साथ अब उनकी धार्मिक आस्थाओं की हिफाजत करना भी प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। रमजान के पवित्र माह में रोजा रखने वाले लोगों के लिए सहरी और इफ्तार के साथ ही जैन धर्म से जुड़े लोगों के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन वो भी निर्धारित समय पर उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करने के लिए जेडीए प्रशासन ने अब विशेष इंतजाम किए हैं।
जयपुर शहर में क्वारंटाइन सेंटर्स रह रहे लोगों को खाना समय पर और गुणवत्ता वाला पहुंचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। तो वहीं, क्वारंटाइन सेंटर्स पर रहने वाले लोगों की धार्मिक आस्थाओं की हिफाजत करना भी प्रशासन के लिए अहम है। रमजान के पवित्र माह को देखते हुए ही जेडीए प्रशासन ने यहां सहरी और इफ्तार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
जेडीए आयुक्त टी. रविकांत ने बताया कि मुस्लिम समाज के लोगों के लिए सेंटर्स पर सहरी और इफतार की व्यवस्था के लिए मुसाफिर खाना, हज कमेटी, वक्फ बोर्ड संस्थाओं ने सहयोग देने के लिए कहा है। ये संस्थाएं अपने स्तर पर सहरी और इफ्तार में उपयोग होने वाले भोजन, फल-फ्रूट इत्यादि उपलब्ध करवाएंगी। इसमें समय का खास ध्यान रखा जाएगा। इन संस्थाओं के सहयोग से हम रमजान के महिने में रोजा रखने वालों को निर्धारित समय पर भोजन उपलब्ध करवाएंगे।
दरअसल, चांद के दिखने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं। इसी दिन पहला रोजा रखा जाता है। सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है। सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है।
उधर जैन धर्म से संबंधित भी कुछ लोग यहां है, जिन्होने शुद्ध शाकाहारी (बिना लहसुन-प्याज का) भोजन उपलब्ध करवाने की बात कही है। इसके लिए भी प्रशासन ने व्यवस्था की है और भोजन उपलब्ध करवाने वाले ठेकेदार को कुछ भोजन की मात्रा बिना लहसुन-प्याज के बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही खाना निर्धारित समय पर पहुंचे इसके लिए भी निर्देश दिए हैं।
जेडीसी ने बताया कि वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों में बने क्वारंटाइन सेंटर्स पर कुल 1991 लोगों को क्वारंटाइन कर रखा है। पहले इनकी संख्या लगभग 2700 थी, लेकिन इनमें से 650 से अधिक लोग जिनका क्वारंटाइन का समय पूरा हो गया और वे सभी कोरोना नेगेटिव थे वापस अपने घर लौट गए हैं।
पॉजिटिव आने पर इन सेंटर्स पर भेजते हैं।
बहरहाल, क्वारंटाइन सेंटर्स पर जो लोग पॉजिटिव आते हैं, उन सभी की पहले जांच की जाती है। अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अपने आइसोलेशन सेंटर्स पर ले जाते हैं। इसके तहत यदि किसी पॉजिटिव व्यक्ति में किसी भी तरह के कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं अर्थात वह पूरी तरह स्वस्थ्य दिखता है तो उसे जेएलएन मार्ग स्थित जयपुरिया अस्पताल, सोडाला स्थित ईएसआईसी अस्पताल अथवा दिल्ली रोड स्थित निम्स अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है।
वहीं, दूसरी तरफ कोई पॉजिटिव व्यक्ति में लक्षण दिखाई देते हैं जैसे खांसी, झुकाम, बुखार या वह बीमार होता है तो उसे सवाई मानसिंह अस्पताल, प्रताप नगर स्थित आरयूएचएस अथवा महात्मा गांधी अस्पताल में ले जाते हैं।

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