जयपुर। केंद्र सरकार के बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार डीए के एरियर को स्थगित कर सकती है। कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है। सरकारी खजाना खाली है। खजाने को भरने के लिए जो तमाम उपाय राज्य सरकार ने किए थे फ़िलहाल उनका कोई सार्थक परिणाम नहीं आ रहा है। लॉकडाउन की मार से बचने के लिए केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के वेतन कटौती से लेकर डीए स्थगित करने जैसा बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश की गहलोत सरकार भी केंद्र और मध्य प्रदेश की तर्ज पर कर्मचारियों के डीए को स्थगित कर सकती है।
अगर ऐसा हुआ तो सरकारी खजाने से नहीं निकलेंगे 1000 करोड़ रुपए
यदि सरकार डीए के एरियर को स्थगित करने का निर्णय लेती है तो सरकारी खजाने से 1000 करोड़ रुपए नहीं निकलेंगे। गहलोत सरकार ने पिछले दिनों कर्मचारियों और पेंशनर का डीए 12 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी किया था। यह डीए 1 जुलाई 2019 से मिलना प्रस्तावित है। इससे साढ़े आठ लाख कर्मचारियों और करीब 4 लाख पेंशनरों को फायदा मिलना है। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने फाइल सीएमओ भेज दी है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर ही होगा।
पिछले महीने का वेतन स्थगित का आदेश अब तक स्टैंड कर रहा है
प्रदेश में मार्च के बाद अब अप्रैल में भी कर्मचारियों के वेतन कटौती का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पिछले महीने का वेतन स्थगित का आदेश अब तक स्टैंड कर रहा है। वहीं इस बार वेतन के अलावा कर्मचारियों के डीए के एरियर पर भी कटौती की कैंची चल सकती है। वित्त नियमन विभाग में नए कटौती प्रस्ताव को फाइनल अथॉरिटी के पास भेज दिया है। सभी विभागों में वेतन आहरण वितरण से जुड़े कर्मचारियों को 29 अप्रैल को सचिवालय बुलाया गया है ताकि सैलरी बिल तैयार किया जा सके।
नए प्रस्ताव में जुलाई तक 30 से 50% तक वेतन स्थगित करने का जिक्र
हालांकि साधारण दिनों में वेतन बिल महीने की 25 तारीख के आसपास बनने शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस बार फिलहाल काम रुका हुआ है। क्योंकि सरकार वेतन कटौती को लेकर नए दिशा निर्देश जल्दी जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक नए प्रस्ताव में जुलाई तक 30 से 50% तक वेतन स्थगित करने की बात कही गई है।
राहुल गांधी ने की थी डीए कटौती की आलोचना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के डीए कटौती के निर्णय की आलोचना की थी। राहुल गांधी ने कहा था कोरोना से जूझकर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना मोदी सरकार का निर्णय तर्कसंगत नहीं है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि यदि राज्य सरकार कटौती का निर्णय लेती है तो इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी नाराज हो सकते हैं।
अगर ऐसा हुआ तो सरकारी खजाने से नहीं निकलेंगे 1000 करोड़ रुपए
यदि सरकार डीए के एरियर को स्थगित करने का निर्णय लेती है तो सरकारी खजाने से 1000 करोड़ रुपए नहीं निकलेंगे। गहलोत सरकार ने पिछले दिनों कर्मचारियों और पेंशनर का डीए 12 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी किया था। यह डीए 1 जुलाई 2019 से मिलना प्रस्तावित है। इससे साढ़े आठ लाख कर्मचारियों और करीब 4 लाख पेंशनरों को फायदा मिलना है। सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने फाइल सीएमओ भेज दी है। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर ही होगा।
पिछले महीने का वेतन स्थगित का आदेश अब तक स्टैंड कर रहा है
प्रदेश में मार्च के बाद अब अप्रैल में भी कर्मचारियों के वेतन कटौती का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पिछले महीने का वेतन स्थगित का आदेश अब तक स्टैंड कर रहा है। वहीं इस बार वेतन के अलावा कर्मचारियों के डीए के एरियर पर भी कटौती की कैंची चल सकती है। वित्त नियमन विभाग में नए कटौती प्रस्ताव को फाइनल अथॉरिटी के पास भेज दिया है। सभी विभागों में वेतन आहरण वितरण से जुड़े कर्मचारियों को 29 अप्रैल को सचिवालय बुलाया गया है ताकि सैलरी बिल तैयार किया जा सके।
नए प्रस्ताव में जुलाई तक 30 से 50% तक वेतन स्थगित करने का जिक्र
हालांकि साधारण दिनों में वेतन बिल महीने की 25 तारीख के आसपास बनने शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस बार फिलहाल काम रुका हुआ है। क्योंकि सरकार वेतन कटौती को लेकर नए दिशा निर्देश जल्दी जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक नए प्रस्ताव में जुलाई तक 30 से 50% तक वेतन स्थगित करने की बात कही गई है।
राहुल गांधी ने की थी डीए कटौती की आलोचना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के डीए कटौती के निर्णय की आलोचना की थी। राहुल गांधी ने कहा था कोरोना से जूझकर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना मोदी सरकार का निर्णय तर्कसंगत नहीं है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि यदि राज्य सरकार कटौती का निर्णय लेती है तो इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी नाराज हो सकते हैं।

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