रविवार, 26 अप्रैल 2020

प्रधानमंत्री ने की थूकने की आदत छोड़ने की अपील, गमछे से मुंह ढकने की दी सलाह

 कोरोनावायरस  संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने रविवार को मन की बात  कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए लोगों से मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थान पर थूकने से बचने की अपील की है। पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ने के लिए लोगों मास्क पहनने का सुझाव देने के साथ एक बार फिर गमछे से मुंह ढकने की सलाह दी है। पीएम मोदी पहले भी कई बार यह सुझाव दे चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को जन आधारित  युद्ध करार दिया। उन्होंने कहा कि हर नागरिक इस लड़ाई में सिपाही और नेतृत्वकर्ता है। यही नहीं पीएम मोदी ने इस दौरान, अक्षय तृतीया के महत्व पर भी प्रकाश डाला और मुस्लिम समुदाय से पहले से ज्यादा इबादत करने की अपील भी की ताकि ईद से पहले दुनिया कोरोना मुक्त हो जाए।

मामले से जुड़ी  जानकारियां :

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से, बदलते हुए हालत में, मास्क भी, हमारे जीवन का हिस्सा बन रहा है। मास्क  अब सभ्य-समाज का प्रतीक बन जायेगा। अगर, बीमारी से खुद को बचना है और दूसरों को भी बचाना है, तो आपको मास्क लगाना पड़ेगा और मेरा तो साधारण सुझाव रहता है –गमछा, मुंह ढकना है।

पीएम मोदी ने कहा " हमारे समाज में अब सभी लोग समझ रहे हैं कि सार्वजनिक स्थान पर थूकने से क्या नुकसान हो सकता है. यहां वहां थूकना गलत आदत का हिस्सा है। कहते हैं  तो, देर भले ही हो गई हो, लेकिन, अब, ये थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए। ये बातें जहां  का स्तर बढ़ाएंगी, वहीं, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद करेगी।
  
उन्होंने बताया कि आप अपनी भावना के अनुरूप, अपनी रूचि के हिसाब से, अपने समय के अनुसार, कुछ कर सके, इसके लिए सरकार ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है।ये प्लेटफॉर्म है  –http://covidwarriors.gov.in. आप इससे जुड़कर देश की सेवा कर सकते हैं, कोविड वॉरियर्स बन सकते हैं।

उन्होंने कहा, "शहर हो या गांव, ऐसा लग रहा है, जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें, हर कोई अपना योगदान देने के लिये आतुर है। "कोई किराया माफ़ कर रहा है, तो कोई अपनी पूरी पेंशन या पुरस्कार में मिली राशि को, PM CARES  में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियाँ दान दे रहा है, तो कोई, हर रोज़ सैकड़ों ग़रीबों को मुफ़्त भोजन करा रहा है। कोई मास्क बना रहा है, कहीं हमारे मजदूर भाई-बहन क्वारैंटाइन में रहते हुए, जिस school में रह रहे हैं, उसकी रंगाई-पुताई कर रहे हैं।


मेरी देशवासियों से आग्रह है कि हम कतई अति-आत्मविश्वास में न फंस जाएं, हम ऐसा विचार न पाल लें कि हमारे शहर में, हमारे गांव में, हमारी गली में, हमारे दफ़्तर में, अभी तक कोरोना पहुंचा नहीं है, इसलिए अब पहुंचने वाला नहीं है।  देखिये, ऐसी ग़लती कभी मत पालना। दुनिया का अनुभव हमें बहुत कुछ कह रहा है और हमारे यहां तो बार–बार कहा जाता है्र्र। ‘सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी'।

पीएम मोदी ने कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों - इतना ही नहीं, हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है. आज, देश के हर कोने से ऐसी तस्वीरे आ रही हैं कि लोग सफाई-कर्मियों पर पुष्प-वर्षा कर रहे हैं. पहले, उनके काम को संभवतः आप भी कभी notice नहीं करते थे.  हमारे पुलिसकर्मी आज ग़रीबों, ज़रुरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं।

उन्होंने कहा, "जरूरी सेवाओं की delivery करने वाले लोग, मंडियों में काम करने वाले हमारे मज़दूर भाई-बहन, हमारे आस-पड़ोस के ऑटो-चालक, रिक्शा-चालक - आज हम अनुभव कर रहे हैं कि इन सब के बिना हमारा जीवन कितना मुश्किल हो सकता है।"

पीएम मोदी ने कहा कि रमजान का महीना शुरू हो गया है। इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं. इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये और हम पहले की तरह उमंग और उत्साह के साथ ईद मनायें। 

इस अक्षय-तृतीया पर हमें अपने पर्यावरण, जंगल, नदियाँ और पूरे Ecosystem के संरक्षण के बारे में भी सोचना चाहिए, जो, हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अगर हम ‘अक्षय' रहना चाहते हैं तो हमें पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी धरती अक्षय रहे". क्या आप जानते हैं कि अक्षय-तृतीया का यह पर्व, दान की शक्ति यानि Power of Giving का भी एक अवसर होता है! 

पीएम मोदी ने कहा कि मैं फिर एक बार कहूंगा, दो गज दूरी बनाए रखिये, खुद को स्वस्थ रखिये- “दो गज दूरी, बहुत है ज़रूरी”। आप सबके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हुए, मैं मेरी बात को समाप्त करता हूं।  

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