वीडियो कांफ्रेंसिंग के एक एप जूम को लेकर पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक निर्देश जारी किया। सरकारी एजेंसियों से लेकर दूसरे लोगों को भी इसके इस्तेमाल से आगाह किया और बताया कि इसका इस्तेमाल सुरक्षित नहीं है। ध्यान रहे जूम एप चीन की एक कंपनी का बनाया हुआ एप है और इसका सर्वर भी चीन में है। तभी इसके इस्तेमाल को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे थे और कई रणनीतिक व सामरिक जानकारों ने सरकार को इसके इस्तेमाल को लेकर आगाह किया था। पर इसके बावजूद सरकारी एजेंसियां इसका इस्तेमाल करत रहीं। गृह मंत्रालय के आगाह करने के एक दिन बाद भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने जूम का इस्तेमाल करके कई राज्यों में स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की।
बहरहाल, गृह मंत्रालय की ओर से इसे लेकर आगाह करने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठ रहा है। यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या मंत्रालय के परामर्श का कोई संबंध कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस कांफ्रेंस से है? ध्यान रहे राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते जूम एप के जरिए प्रेस कांफ्रेंस की, जो बेहद हिट हुई। इसे बड़ी संख्या में लोगों ने देखा। मीडिया में भी इसकी व्यापक कवरेज हुई। इसके अगले ही दिन केंद्रीय गृह मंत्रालय का परामर्श आ गया कि इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। तभी कांग्रेस के कई नेता इसे राहुल की प्रेस कांफ्रेंस से जोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल की प्रेस कांफ्रेंस से पहले कई दिन तक केंद्रीय मंत्रियों के इस एप के इस्तेमाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग करने के विजुअल आते रहे थे पर सरकार ने कोई परामर्श जारी नहीं किया। इस आधार पर कांग्रेस के नेता यह भी दावा कर रहे हैं कि सरकार राहुल गांधी के लोगों तक सीधे पहुंचने से घबराई है और इसलिए उनको रोकना चाहती है।

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