जयपुर। कोविड-19 संक्रमण महामारी के तहत राज्य सरकार ने सभी सार्वजनिक स्थलों पर जैसे सड़क, गली, सरकारी-गैर सरकारी कार्यालय परिसर, शैक्षणिक संस्थान तथा सभी कोर्ट और थाना परिसरों में किसी भी प्रकार के तंबाकू पदार्थ यथा सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा और खैनी का उपयोग कर यत्र-तत्र थूकने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
साथ ही उल्लंघन करने वाले पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्यवाही करने एवं इस दंडात्मक कार्यवाही के तहत छ: माह की सजा व 200 रूपये का आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश की पालना सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य और गृह विभाग के कार्मिकों को निर्देशित किया गया है।
एक जानकारी की बात करें सरकार को तंबाकू उत्पादों से प्रतिवर्ष 300 से 400 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है। इन तंबाकू जनित उत्पादों के उपभोग से राज्य में रोगियों पर करीब 1500 से 1800 करोड़ का खर्चा होता है। राज्य सरकार तंबाकू जनित उत्पादों को बिक्री के लिए किसी प्रकार का लाईसेंस प्रणाली भी लागु नही की हुई है, जिसके कारण छोटी-बड़ी हर दुकान पर तंबाकू उत्पाद सर्व सुलभ है। जिसका नतीजा यह है कि राजस्थान में युवा सबसे ज्यादा सर्व सुलभ तंबाकू उत्पाद खेनी, गुटखा और पान मसाला का उपयोग कक्षा आठ से दस तक पहुंचते- पहुंचते शुरू कर देते हैं।
राजस्थान में तंबाकू उत्पादों का उपयोग अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश की तरह ही होता है। प्रदेश में जितना तंबाकू उत्पाद जीएसटी देकर एक नंबर में बिकता है, उतना ही टैक्स चोरी के साथ दो नंबर में बिकता है। राज्य सरकार को भारत सरकार के निर्देश पर कोविड-19 संक्रमण से होने वाले तंबाकू उत्पादों की पीक थूकने से फैलनी वाली महामारी पर यह आदेश निकालना पड़ा।
कोविड- 19 के संक्रमण में तंबाकू उत्पादों का उपयोग कर पीक थूकने वालों से बीमारी फैलने की संभावना बहुत अधिक होती है। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार ने तंबाकू जनित पदार्थों के समस्त उत्पादन, भंडारण व बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके कारण उत्तरप्रदेश में किसी भी दुकान पर तंबाकू उत्पाद नहीं मिल रहे हैं। राजस्थान में तंबाकू जनित पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होने के कारण तंबाकू उत्पाद खरीदने के लिए ग्राहक लॉकडाउन तोडक़र गली मोहल्लों की दुकानों पर खरीद करने जा रहे हैं। राजस्थान में गत सप्ताह में 70 केस अलग-अलग जिलों में बनाये गए हैं परंतु तंबाकू उत्पादों की काला बाजारी की खबरें भी लगातार आ रही है। राजस्थान में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तंबाकू जनित पदार्थों के समस्त उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध की महत्ती आवश्यकता है।

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