CM गहलोत बोले- UAE में हर 10 लाख पर 77 हजार और हमारे यहां सिर्फ 291 लोगों के हो रहे हैं COVID-19 टेस्ट
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में रैपिड टेस्टिंग किट की विफलता के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है। सीएम अशोक गहलोत के अनुसार, रैपिड टेस्ट किट की रिपोर्ट संदेहास्पद है, इसलिए इससे होने वाली जांचे रोक दी है। केंद्र सरकार मेरा सुझाव मान लेती तो यह हालत नहीं होते। उन्होंने कहा कि पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में समय लगता है, इसी कारण हमने रैपिड टेस्ट पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंस में भी उन्होंने अनुरोध किया था कि पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, रैपिड एवं पीसीआर टेस्ट किट आदि की केंद्रीयकृत खरीद हो, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। अब रैपिड टेस्ट के नतीजों पर देशभर में जो संदेह का वातावरण बना हुआ है। उस समय हमारे सुझावों को मान लिया जाता, तो आज आईसीएमआर को रैपिड टेस्ट स्थगित करने की नौबत नहीं आती।
दूसरे देशों की तरह जांच का दायरा बढ़ाना बेहद जरूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के लिए जरूरी है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए। इस समय देश में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर मात्र 291 टेस्ट हो रहे हैं, जबकि इतनी आबादी पर यूएई में 77 हजार, यूएसए में 12 हजार तथा स्पेन में 20 हजार तक जांचें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि न केवल जांचों की संख्या बढ़े बल्कि रिपोर्ट भी समय पर आए। इसके लिए हमारा जोर अधिक से अधिक पीसीआर किट प्राप्त करने पर है। इसके लिए हमने आईसीएमआर को न्यूक्लियर एक्सटेंशन किट की आपूर्ति बढ़ाने को कहा है। बैकलॉग खत्म करने के लिए हमने 4 हजार नमूने दिल्ली भेजे थे, जिनमें से 3800 की रिपोर्ट आ गई है। इनमें 80 पॉजीटिव आए हैं।
राज्यों की सलाह के साथ फैसले ले केंद्र सरकार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारत में संघीय ढांचे की व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार राज्यों की सलाह के आधार पर निर्णय ले। यदि कोई भी निर्णय आनन-फानन में लिया जाता है, तो पूरे देश को परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आग्रह किया कि अगर देश में 3 मई से या जब भी लॉकडाउन खुलता है, उसकी तैयारी राज्यों की सलाह के साथ केंद्र सरकार को अभी से करनी चाहिए। ताकि, देशभर में सुनियोजित ढंग से आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकें।
सभी राज्यों को मिले प्रोत्साहन पैकेज
सीएम अशोक गहलोत के अनुसार, आर्थिक मंदी और कोरोना के कारण सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। ऐसे में भारत सरकार को प्रोत्साहन पैकेज (स्टीम्यूलस पैकेज) देना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3 प्रतिशत प्रोत्साहन पैकेज दिया गया था। यूएसए ने कोरोना से पैदा हालातों को देखते हुए जीडीपी का 10 प्रतिशत, फ्रांस, जर्मनी, यूके ने जीडीपी का 15 प्रतिशत पैकेज दिया है, जबकि भारत सरकार ने केवल 0.8 प्रतिशत पैकेज दिया है, जो नाकाफी है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि राज्यों को इस संकट से बाहर आने में मदद मिल सके।
लॉकडाउन उल्लंघन पर अब तक 7738 गिरफ्तार
सीएम ने कहा कि मॉडिफाइड लॉकडाउन का यह मतलब नहीं कि लोग घरों से बाहर निकल जाएं। अगर ऐसा हुआ तो सख्त कार्रवाई होगी। आमजन पूरे आत्मानुशासन के साथ लॉकडाउन का पालन करें। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर प्रदेशभर में 7 हजार 738 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। करीब 1 लाख 73 हजार वाहनों का चालान कर 2 करोड़ 59 लाख का जुर्माना वसूला गया है और 94 हजार वाहन जब्त किए गए हैं। इसी तरह निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 1652, सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं देने वाले 144 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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