मुख्यमंत्री की ये कैसी गौरव यात्रा
भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मैं मेवाड़ को उसका गौरव याद कराने आया हूं। मैंने चारभुजा नाथ के मंदिर माथा टेक कर प्रार्थना की है कि जिन लोगों ने राजस्थान के गौरव का मानमर्दन किया है, उन्हें राजस्थान गौरव यात्रा निकालने का कोई अधिकार नहीं। जिन लोगों ने मेवाड़, जोधपुर, जयपुर, टोंक व प्रदेश की अनेकों रियासतों का मानमर्दन किया था, उनके उत्तराधिकारियों ने अब तक वही लूट की परंपरा कायम कर रखी है। जिससे राजस्थान में ढांचागत भ्रष्टाचार दिनों दिन पसरता जा रहा है। घनश्याम तिवाड़ी गुरूवार को राजसमंद दौरे पर थे, वे वहां उदयपुर संभाग के कार्यकर्ताओं को संबोधन दे रहे थे।
भाजपा-कांग्रेस की जुगलबंदी हटाकर भारत वाहिनी पार्टी को जिताना होगा
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री चारभुजा नाथ से आर्शीवाद मांगकर अपनी चुनावी यात्रा शुरू करने वाली है मगर सवाल ये है कि वे किस बात का आर्शीवाद मांगेगी? क्या पत्रकारों पर पाबंदी लगाने वाले काले कानून के लिये, किसानों की जमीन को हड़पने वाले एसआईआर बिल के लिये, बंगला नंबर 13 पर किये अवैध कब्जे के लिये या फिर युवाओं के रोजगार को कोर्टों में अटकाने के लिये आर्शीवाद मांगेगी। पूर्व शिक्षा मंत्री तिवाड़ी ने कहा कि मेरे मंत्री कार्यकाल में 1 लाख 18 हजार युवकों को नियुक्तियां दी गई थी। शिक्षा कर्मियों, विद्यार्थी मित्रों, पैरा टीचर्स को स्थाई नियुक्तियां दी गई थी। यदि वहीं दौर एक फिर से राजस्थान में लाना है तो 10-10 बरस तक राज करने वाली इन भाजपा-कांग्रेस की जुगलबंदी को हटाकर भारत वाहिनी पार्टी पर भरोसा दिखाना होगा।
भाजपा ने वाहिनी की चुनावी यात्रा का नाम चुराया
घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा द्वारा घोषित 'राजस्थान गौरव यात्रा' पर नामचोरी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पर तीखा हमला किया और कहा कि भारत वाहिनी पार्टी द्वारा पूर्वघोषित "राजस्थान गौरव यात्रा" को भाजपा और उसकी मुख्यमंत्री ने चुराया है। तिवाड़ी ने इसे पूर्णतया अनैतिक और मुख्यमंत्री की सरासर बेईमानी बताया। तिवाड़ी ने भाजपा पर सीधे सीधे आरोप लगाया कि यह चोरी भाजपा की एक सोची समझी साज़िश है और इनके बौद्धिक दिवालियापन को उजागर करती है। कुछ समय पूर्व भाजपा की सुराज गौरव यात्रा पर तिवाड़ी द्वारा प्रश्न खड़ाकर उसे 'कुराज गौरव यात्रा' बताए जाने के बाद भाजपा ने इस यात्रा का नाम बदल 'राजस्थान गौरव यात्रा' कर दिया है। जो कि तिवाड़ी की भारत वाहिनी पार्टी द्वारा काफ़ी पहले से प्रस्तावित यात्रा का नाम है।
सुराज नहीं कुराज और बीमारू है भाजपा-कांग्रेस की देन
तिवाड़ी ने PAI- 2018 की रिपोर्ट को आधार बना कर कहा कि राजस्थान पिछले वर्ष इस इंडेक्स में 7वें पायदान पर था जो अब फिसल कर 11वें पर आ गया है। मतलब प्रदेश की शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत, पानी, मानव विकास, सामाजिक सुरक्षा, महिलाओं व बच्चों की स्थिति और क़ानून व्यवस्था की स्थिति में ज़बरदस्त गिरावट आयी है। वास्तव में यह सुराज नहीं कुराज है। उन्होंने कहा कि देश में जहां जहां भाजपा की सरकार है वहां वहां प्रदेश बीमारू है, जबकी केरल गैर भाजपा-कांग्रेसी सरकार होने के कारण इस सुची में पहले स्थान पर है।
मुख्यमंत्री की ये कैसी गौरव यात्रा
तिवाड़ी ने भाजपा की राजस्थान गौरव यात्रा के नामकरण को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जिस सिंधिया घराने ने पीढ़ियों से राजस्थान को लूटा, उसके स्वाभिमान को आहत किया और प्रदेश की जनता से लूटखसोट की है। ऐसे लोग कभी भी राजस्थान का गौरव नहीं बढ़ा सकते। मुख्यमंत्री की इस यात्रा की चारभुजा मंदिर से शुरुआत पर आश्चर्य व्यक्त किया। तिवाड़ी ने कहा कि जिस चारभुजा मंदिर को लूटने का काम सिंधियाओं ने किया और जिसे सिंधियाओं से बचाने के लिए राजस्थान की 22 वीरांगनाओं ने बलिदान दिया था, जिनकी मूर्तियाँ वहाँ आज भी स्थापित है। उस मंदिर से यात्रा की शुरुआत कर वसुंधरा राजे सिंधिया किस मुँह से राजस्थान के गौरव को बढ़ाने की बात करती है? उन्होंने कहा कि सिंधियाओं ने हमेशा राजस्थान को अपमानित और पीड़ित किया है। राजस्थान की तीन प्रमुख रियासतें जयपुर, जोधपुर और मेवाड़ को इन सिंधियाओं ने हमेशा लूटा और अपमानित किया। उन्होंने कहा कि सिंधियाओं ने

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