गुरुवार, 30 अगस्त 2018

अपराधों को बंद तो कोई भी नहीं कर सकता : गुलाबचंद कटारिया

 मैं यह नहीं कहता कि अपराध खत्म हो रहे हैं, लेकिन अपराध रोकने के लिए हमारे प्रयास जारी हैं। पिछले साल के मुकाबले अपराधों में कमी आई है। इसके अलावा महिला उत्पीड़न, दहेज, महिला अत्याचार संबंधी अपराधों में कमी हुई है।  कटारिया ने विपक्ष को भी खुली बहस की चुनौती दे दी। 

जयपुर। राजस्थान कांग्रेस दुष्प्रचार करने में आगे रहती है। प्रदेश में अपराधों के मामलों को लेकर भी कांग्रेस दुष्प्रचार कर रही है, जबकि हमारी सरकार में कानून सभी के लिए बराबर है। मेरे कार्यकाल में जो भी कानून का उल्लंघन करता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है। हमारा महकमा निष्पक्षता से कार्रवाई करता है।

 मीडिया से बात करते हुए गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि वास्तविकता यह है कि राजस्थान में निरंतर अपराधों में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012-2013 में कांग्रेस शासन में अपराधों में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि भाजपा शासन में वर्ष 2013-14 में यह घटकर 7 प्रतिशत पर आ गई और उसके बाद 2014-15 में 5.8 प्रतिशत कम हुई, वर्ष 2015-16 में 8.93 प्रतिशत कम हुई, वर्ष 2016-17 में 5.79 प्रतिशत कम हुई, वर्ष 2017-18 में 3.40 प्रतिशत की कमी हुई है एवं निरंतर कमी आती गई है।

 कांग्रेस शासन में वर्ष 2012-13 में महिला अपराधों में 32.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जबकि भाजपा शासन में महिला अपराधों में वर्ष 2013-14 में 10.30 प्रतिशत वृद्धि हुई, वर्ष 2014-15 में 9.55 प्रतिशत की कमी हुई, वर्ष 2015-16 में 2.59 प्रतिशत की कमी आई, वर्ष 2016-17 में 9.79 प्रतिशत की कमी आई, वर्ष 2017-18 में निरंतर कमी आती गई है।

 अपराधों को बंद तो कोई भी नहीं कर सकता, लेकिन हमारी सरकार ने अपराधों पर लगाम लगाने का प्रयास किया है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन की तुलना में अब भाजपा शासन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला अत्याचारों में निरंतर कमी आई है। नेशनल क्राइम रिपोर्ट के अनुसार देश में हो रहे नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसे अपराधों (पास्को एक्ट) में राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में 10वें नंबर पर है।

 कटारिया ने कहा कि महिला अत्याचार के विरुद्ध सजा देने में देश में राजस्थान का दूसरा स्थान है। उन्होंने कहा कि पास्को एक्ट के तहत 7 दिन में चालान पेश किया एवं 42 दिन में फांसी की सजा भी सुना दी गई।

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