काफी वर्षों से जयपुर के रंगकर्मियों की मांग थी कि हम लोगों के उत्थान के लिये एसोसियेशन हो, उत्थान के लिये एसोसियेशन भी बन गई, लेकिन जब एसोसियेशन बालिग हुआ तो उत्थान की जगह नारियों के जिस्म के साथ खेलने का अडडा बनकर रह गई, और रंगकर्मी जहां थे उससे भी नीचे आ गये।
जयपुर । जगजाहिर विशेष संवाददाता। थियेटर आर्टिस्ट एसोसियेशन आॅफ जयपुर ताज के संस्थापक सदस्यों ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ताज के वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों पर महिलाओं के यौन शोषण, आवाज मोबाइल में रिकॉर्डिंग कर उन्हें ब्लेैकमेल करने जैसे आरोप लगाये।
प्रवक्ता जफर खान ने, संजय विद्रोही ने बताया कि ताज के पदाधिकारियों द्वारा संगठन की आड में बहुत से अनैतिक कार्य किये जा रहे हैं, महिला रंगकर्मियों को बॉलीवुड और फिल्मों में कार्य दिलाने का भरोसा दिलाकर उनका शारीरिक शोषण किया जा रहा है। वह बदनामी के डर से कुछ बोल नहीं पाती हैं, ताज के पदाधिकारियों द्वारा रंगकर्मियों को मिलने वाले अनुदान में कलाकार और विभाग के बीच दलाल का कार्य किया जा रहा है व दलाली ली जा रही है, यह विभाग के अधिकृत दलाल बन चुके हैं।
यह आरएएस, आइएएस, मंत्री सभी को दबाव में लेने की कोशिश् करते हैं और दबाव में नहीं आने पर उनके विरूद्ध चार लोगों को इकटृठा कर नारे लगवा दिये जाते हैं, इस तरह ताज यौन शोषण का अडडा बन चुका है। यह इतना बदनाम हो चुका है कि अब सिर्फ लडकियों के दलाल किस्म के लोग ही इससे जुडें रहने में गौरव महसूस करेंगे, बाकी को तो इनके साथ खडा रहने में भ्री शर्म आयेगी, इसलिये इसको सदा—सदा के लिये भंग कर दिया गया है, ताज के पदाधिकारी हिमांशु झांकल, मुकेश सोनी, के के कोहली है व तीन साल से इसमें अन्य पदाधिकारियों ने कोहराम मचा रखा था। अब ताज नाम की कोई संस्था कलाकारों की यूनियन होने का दावा नहीं कर सकती, इसके समर्थन में प्रमुख नाटय संस्थाओं ने अपने शपथपत्र पेश किये ।
जयपुर । जगजाहिर विशेष संवाददाता। थियेटर आर्टिस्ट एसोसियेशन आॅफ जयपुर ताज के संस्थापक सदस्यों ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर ताज के वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों पर महिलाओं के यौन शोषण, आवाज मोबाइल में रिकॉर्डिंग कर उन्हें ब्लेैकमेल करने जैसे आरोप लगाये।
प्रवक्ता जफर खान ने, संजय विद्रोही ने बताया कि ताज के पदाधिकारियों द्वारा संगठन की आड में बहुत से अनैतिक कार्य किये जा रहे हैं, महिला रंगकर्मियों को बॉलीवुड और फिल्मों में कार्य दिलाने का भरोसा दिलाकर उनका शारीरिक शोषण किया जा रहा है। वह बदनामी के डर से कुछ बोल नहीं पाती हैं, ताज के पदाधिकारियों द्वारा रंगकर्मियों को मिलने वाले अनुदान में कलाकार और विभाग के बीच दलाल का कार्य किया जा रहा है व दलाली ली जा रही है, यह विभाग के अधिकृत दलाल बन चुके हैं।
यह आरएएस, आइएएस, मंत्री सभी को दबाव में लेने की कोशिश् करते हैं और दबाव में नहीं आने पर उनके विरूद्ध चार लोगों को इकटृठा कर नारे लगवा दिये जाते हैं, इस तरह ताज यौन शोषण का अडडा बन चुका है। यह इतना बदनाम हो चुका है कि अब सिर्फ लडकियों के दलाल किस्म के लोग ही इससे जुडें रहने में गौरव महसूस करेंगे, बाकी को तो इनके साथ खडा रहने में भ्री शर्म आयेगी, इसलिये इसको सदा—सदा के लिये भंग कर दिया गया है, ताज के पदाधिकारी हिमांशु झांकल, मुकेश सोनी, के के कोहली है व तीन साल से इसमें अन्य पदाधिकारियों ने कोहराम मचा रखा था। अब ताज नाम की कोई संस्था कलाकारों की यूनियन होने का दावा नहीं कर सकती, इसके समर्थन में प्रमुख नाटय संस्थाओं ने अपने शपथपत्र पेश किये ।

Koi To Hogi Jis Mahila ke sath me galat Kaam Kiya Hai FIR kahan hai sir Bina Saboot ke kisi par Ilzaam nahi Lagana chahiye
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