शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार से ज्यादा बेचैनी अनिल अंबानी को

असल में अनिल अंबानी की डूबती साख और दिवालिया होती कंपनियों को बचाने का यह आखिरी मौका है। 
राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार से ज्यादा बेचैनी अनिल अंबानी को दिख रही है। केंद्र सरकार और भाजपा ने संसद में या उससे बाहर एक या दो बार कांग्रेस के आरोपों का जवाब दे दिया और इस सौदे का बचाव कर लिया। पर अनिल अंबानी लगातार कांग्रेस को चिट्ठी लिख रहे हैं, कानून नोटिस भेज रहे हैं और मुकदमे की धमकी दे रहे हैं। वे छह महीने से ज्यादा समय से कांग्रेस को धमकी दे रहे हैं। हालांकि कांग्रेस पर उनकी धमकियों का कोई असर नहीं हो रहा है।

सवाल है कि कांग्रेस का हमला जब सरकार के ऊपर है तो अनिल अंबानी इतनी सफाई क्यों दे रहे हैं? दूसरा सवाल है कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर मानहानि का मुकदम करने की धमकी दी थी उसका क्या हुआ? असल में अनिल अंबानी की डूबती साख और दिवालिया होती कंपनियों को बचाने का यह आखिरी मौका है। जानकार सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कुछ समय पहले दिल्ली में किसी अधिकारी से कहा था कि यह सौदा सिरे नहीं चढ़ा तो वे बरबाद हो जाएंगे।

तभी उनकी बेचैनी को समझा जा सकता है। उनका सारा कारोबार चौपट होता जा रहा है। जैसा कि राहुल गांधी बता रहे हैं अगर वह सच है तो अनिल अंबानी को राफेल विमानों के रखरखाव के लिए एक लाख करोड़ रुपए मिलेंगे। तभी वे नहीं चाहते कि इस मामले में कानूनी पचड़ा हो और राजनीतिक अड़ंगेबाजी हो। पर इसके लिए वे जितनी ज्यादा सक्रियता दिखाएंगे उतना अपना नुकसान करेंगे। 

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