शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

अशोक गहलोत भले ही राहुल के चाणक्य हों लेकिन सीपी नाम की चाबी भी है

प्रदेश में चुनावी घमासान तेज है। चुनाव के रण में उतरी कांग्रेस के भीतर जारी उठापटक के बीच सीपी जोशी को अहम जिम्मेदारी मिलने की संभावनाओं ने सियासी पारे को चढ़ा दिया है ।
जयपुर । विधानसभा चुनाव के रण में उतरी कांग्रेस के भीतर राजनीतिक उठापटक जारी है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ सीपी जोशी को चुनाव में अहम जिम्मेदारी मिलने की अटकलों ने अंदरखाने की सियासत को बढ़ा दिया है। सियासत इसलिए भी तेज है क्योंकि, जोशी ओर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत के बीच की गुटबाजी काफी पुरानी है। माना जा रहा है कि चुनाव में गहलोत पर कंट्रोल बनाकर रखने के लिए ही सीपी जोशी को चुनाव की कमेटियों में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।



हालांकि, इस मुद्दे पर अभी पार्टी स्तर पर कोई बात नहीं कही गई है। केवल पार्टी पदाधिकारियों के बीच मंथन जारी है। आपको बता दें कि कभी 11 राज्यों के प्रभारी रहे डॉ. जोशी वर्तमान में एआईसीसी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो चुके हैं। उनसे हाल में उत्तर-पूर्व के राज्यों का प्रभार भी वापस ले लिया गया है। जबकि,  सभी बड़े राज्यों का प्रभार पहले ही वापस लिया जा चुका है। अशोक गहलोत की ओर से जारी आदेश से जोशी से प्रभार वापस लिया गया था।


वहीं, राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले पिछले दिनों सीएम पद के चेहरे को लेकर जिस तरह से घमासान और बयानबाजी जारी रही। उसके बाद से हाईकमान  राजस्थान पर लगातार मॉनिटरिं रख रहे हैं। वहीं अब चर्चा उठ रही है कि चुनाव में गहलोत की तरफ से कोई मनमानी ना हो सके। इसलिए राहुल गांधी  सीपी जोशी को मैदान में उतार सकते हैं। उन्हें चुनाव के लिहाज से बनने वाली कमेटियों में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो इलेक्शन कैम्पेन कमेटी की कमान सौंपने को लेकर चर्चा ज्यादा तेज है। दरअसल, चुनाव के दौरान ये कमेटी ज्यादा ताकतवर होती है।



ऐसे में माना जा रहा है कि इस कमेटी की कमान सौंपकर राहुल प्रदेश की राजनीति में किसी भी तरह की मनमर्जी पर नियंत्रण रख सकते हैं। हालांकि,  प्रदेश में गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के बीच की गुटबाजी भी समय-समय पर जगजाहिर होती रही है। हालांकि, अभी प्रदेश की राजनीति में अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के बीच की गुटबाजी भी चरम पर है। हाल में जयपुर में हुई राहुल गांधी के  रोड शो के दौरान दोनों के बीच की खटास साफ तौर पर दिखाई भी दे रही थी। इस रोड शो के दौरान पायलट ने राहुल को लेकर लगे पोस्टर में गहलोत को स्थान ना देकर अपनी मंशा साफ बता दी थी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें