गुजरात के अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। राहुल के साथ साथ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ भी बैंक ने मानहानि की अर्जी दी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस बैंक के निदेशकों में शामिल हैं।
बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने सोमवार को यहां एक अदालत में राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर की। मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने बैंक में नोटबंदी के दौरान पांच दिनों में ही देश भर में सबसे अधिक रकम जमा होने के बारे में कांग्रेस के बयान को लेकर दायर इस मामले में आगे सुनवाई से पहले आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत और जांच के आदेश दिए साथ ही शिकायतकर्ता को 17 सितंबर को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश भी दिए।
गौरतलब है कि इस साल जून में सुरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली कथित सूचना का हवाला देते हुए पत्रकारों से कहा था कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के पांच ही दिन में इस बैंक में 745.58 करोड़ रुपए के बराबर के पुराने पांच सौ और एक हजार के नोट जमा हुए थे। यह देश के सभी 370 ऐसे बैंकों में से सबसे बड़ी रकम थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बैंक के चेयरमैन अजय पटेल खुद भाजपा के नेता है और अमित शाह के बेहद करीबी हैं।
गुजरात के अहमदाबाद और राजकोट सहित कुल 11 सहकारी बैंकों में इस अवधि के दौरान 3,118.51 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मामले में ट्विट किया था और इसे जोर शोर से उठाया था। 22 जून को उन्होंने अपने तंज करते हुए ट्विट में कहा था- आपके बैंक के नोटबंदी के दौरान पुराने नोटों को बदलने में प्रथम पुरस्कार जीतने पर बधाई हो अमित शाह जी, निदेशक, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक। पांच दिन में 750 करोड़। नोटबंदी के कारण बरबाद हुए लाखों भारतीय आपकी इस उपलब्धि को सलाम करते हैं।
बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने राहुल और सुरजेवाला के बयानों की सीडी और ट्रांसक्रिप्ट के साथ दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि इन दोनों के बयानों से बैंक की छवि को खासा नुकसान पहुंचा है और उनके खिलाफ मानहानि के कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने सोमवार को यहां एक अदालत में राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ मानहानि की शिकायत दायर की। मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने बैंक में नोटबंदी के दौरान पांच दिनों में ही देश भर में सबसे अधिक रकम जमा होने के बारे में कांग्रेस के बयान को लेकर दायर इस मामले में आगे सुनवाई से पहले आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत और जांच के आदेश दिए साथ ही शिकायतकर्ता को 17 सितंबर को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश भी दिए।
गौरतलब है कि इस साल जून में सुरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली कथित सूचना का हवाला देते हुए पत्रकारों से कहा था कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के पांच ही दिन में इस बैंक में 745.58 करोड़ रुपए के बराबर के पुराने पांच सौ और एक हजार के नोट जमा हुए थे। यह देश के सभी 370 ऐसे बैंकों में से सबसे बड़ी रकम थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बैंक के चेयरमैन अजय पटेल खुद भाजपा के नेता है और अमित शाह के बेहद करीबी हैं।
गुजरात के अहमदाबाद और राजकोट सहित कुल 11 सहकारी बैंकों में इस अवधि के दौरान 3,118.51 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मामले में ट्विट किया था और इसे जोर शोर से उठाया था। 22 जून को उन्होंने अपने तंज करते हुए ट्विट में कहा था- आपके बैंक के नोटबंदी के दौरान पुराने नोटों को बदलने में प्रथम पुरस्कार जीतने पर बधाई हो अमित शाह जी, निदेशक, अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक। पांच दिन में 750 करोड़। नोटबंदी के कारण बरबाद हुए लाखों भारतीय आपकी इस उपलब्धि को सलाम करते हैं।
बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने राहुल और सुरजेवाला के बयानों की सीडी और ट्रांसक्रिप्ट के साथ दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि इन दोनों के बयानों से बैंक की छवि को खासा नुकसान पहुंचा है और उनके खिलाफ मानहानि के कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।

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