बहुजन समाज पार्टी की नेता और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के एक राखी भाई लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल हो गए हैं। यह संयोग है कि जिस दिन टंडन बिहार में राज्यपाल की शपथ लेने गए उसी दिन इंडियन नेशनल लोकदल के हरियाणा के नेता अभय चौटाला ने मायावती से राखी बंधवाई। जेल में बंद ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला ने दिल्ली में मायावती से मुलाकात की और सितंबर के आखिर में होने वाली पार्टी की रैली में शामिल होने का उनको न्योता दिया। इस मौके पर मायावती ने उनको राखी बांधी और रैली में आने का वचन दिया।
ध्यान रहे दोनों पार्टियों में चुनावी तालमेल की बात हो रही है। मायावती की चुनावी तालमेल की बात कांग्रेस के साथ भी हो रही है। सो, भले उन्होंने अभय चौटाला को राखी बांधी है पर संभव है कि समय आने पर वे राखी वाले हाथों की बजाय कांग्रेस के हाथ के साथ चली जाएं। आखिरकार लालजी टंडन को राखी बांधने के कुछ समय बाद उनको ‘लालची टंडन’ भी कहना उन्होंने शुरू कर दिया था। भाजपा को मायावती ने कैसा झटका दिया था यह भी सब जानते हैं। सो, अभी उनके राखी बांधने के आधार पर उनकी आगे की चुनावी रणनीति का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
ध्यान रहे दोनों पार्टियों में चुनावी तालमेल की बात हो रही है। मायावती की चुनावी तालमेल की बात कांग्रेस के साथ भी हो रही है। सो, भले उन्होंने अभय चौटाला को राखी बांधी है पर संभव है कि समय आने पर वे राखी वाले हाथों की बजाय कांग्रेस के हाथ के साथ चली जाएं। आखिरकार लालजी टंडन को राखी बांधने के कुछ समय बाद उनको ‘लालची टंडन’ भी कहना उन्होंने शुरू कर दिया था। भाजपा को मायावती ने कैसा झटका दिया था यह भी सब जानते हैं। सो, अभी उनके राखी बांधने के आधार पर उनकी आगे की चुनावी रणनीति का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

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