राजस्थान सरकार किरोड़ी लाल मीणा और गोलमादेवी के खिलाफ दर्ज मारपीट, अभद्रता और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सभी मामले वापस लेने जा रही है.
जयपुर । चुनावी साल में राजस्थान की बीजेपी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और विधायक गोलमा देवी के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लेने का मानस बना लिया है. सरकार की ओर से जयपुर, दौसा, अलवर और सवाई माधोपुर के कलेक्टर - एसपी से दोनों जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मामलों की रिपोर्ट मांगी गई थी, जो सरकार को मिल चुकी है. अब सरकार मारपीट, अभद्रता और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे सभी मुकदमे वापस लेने जा रही है.
हालांकि, किरोड़ी लाल मीणा पर 21 साल की युवती से गैंगरेप के मामले में सरकार ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है. दो साल पहले युवती ने 12 लोगों के खिलाफ थाने में गैंगरेप का केस दर्ज कराया था जिसमें किरोड़ीलाल मीणा का नाम भी है. जयपुर पुलिस ने गैंगरेप के इस मामले को जांच के लिए सीआईडी के क्राइम ब्रांच को सौंप दिया था. गैंगरेप में मीणा समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376डी, 366, 344 और 323 के तहत केस दर्ज है.
इससे करीब पांच महीने पहले राजस्थान के बहुचर्चित गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान गुर्जर नेताओं के खिलाफ राजद्रोह के केस को वसुंधरा सरकार ने वापस ले लिया था. इस तरह करीब तीन साल पहले पिछली सरकार द्वारा गुर्जर नेताओं पर दर्ज कराए गए सभी केस वापस ले लिए गए हैं और पुलिस ने उन सभी की फाइल बंद कर दी है.
सरकार के इस फैसले से गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला और हिम्मत सिंह सहित 22 गुर्जरों को बड़ी राहत मिली है. इन सभी के खिलाफ राजद्रोह सहित कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किए गए थे. पुलिस ने इन सभी मुकदमों पर फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी है.
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