जयपुर। बाड़मेर के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित बिहार की पटना जेल से रिहा होकर राजधानी जयपुर पहुंचे. जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में राजधानी के सभी पत्रकारों ने माला पहनाकर क्रांतिवीर की तरह दुर्गसिंह का स्वागत किया. इस दौरान पत्रकार दुर्ग सिंह ने अपने साथ घटित हुए पूरे घटनाक्रम को मीडिया के सामने रखा.
दुर्गसिंह ने मुताबिक ये एक राजनीतिक और प्रशासनिक साजिश है. जिसके तार बिहार और राजस्थान दोनों से जुड़े हुए है. दुर्ग सिंह ने अपनी आप बीती सुनाते हुए बताया कि बाड़मेर एसपी ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और उनकी गिरफ्तारी करवाई. साथ ही राजस्थान और बिहार पुलिस के उच्चाधिकारियों के इस साजिश में शामिल होने की बात कही. उनके मुताबिक राजनेता भी इसमें मिले हुए हैं.
पत्रकार दुर्गसिंह अपने मामले को लेकर उच्च स्तर पर जांच चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चाहे मेरी जान चली जाए, लेकिन मैं अपनी कलम नहीं रुकने दूंगा. उनकी मानें तो लोगों की समस्याएं और उनकी आवाज उठाने से वहां के राजनेता परेशान होते हैं. उन्होंने अपनी कई उन खबरों के बारे में बताया जिससे वहां के नेताओं और अधिकारियों को परेशानी हुई.
पत्रकारों ने जब दुर्गसिंह से इस षडयंत्र में शामिल लोगों के नाम पूछे तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. जल्द ही षड्यंत्र में शामिल लोगों के नाम सामने आ जाएंगे. उन्होंने किसी का भी नाम लेने से मना करते हुए कहा कि मुझे लगातार धमकियां दी जा रही है.
दुर्गसिंह ने बताया कि मेरे पास बाड़मेर एसपी ऑफिस से फोन आया था और मुझे वहां बुलाया गया. जब मैं वहां पहुंचा तो उन्होंने मुझे गिरफ्तार करने को कहा. पूछने पर बताया गया कि मेरे खिलाफ एसटी-एससी का मामला दर्ज हुआ है. पटना कोर्ट से अरेस्ट वारंट आया है. ऊपर का दबाव है इसलिए अरेस्ट करना पड़ेगा. साथ ही बाड़मेर पुलिस ने आतंकवादियों की तरह सलूक करते हुए अरेस्ट कर लिया. ना ही मुझे समझने का मौका दिया. ना हीं लीगल एडवाइज लेने का मौका दिया गया. कोर्ट का आदेश के हवाला देते हुए फौरान ग्रामीण पुलिस को बुलाकर सौंप दिया गया. उन्होंने बताया पटना पुलिस ने भी बुरी तरह सलूक किया. किसी परिजन या किसी भी लीगल एडवाइजर से बात करने का मौका नहीं दिया गया.
उन्होंने बताया कि बाडमेर से पटना तक जाने के लिए खुद का वाहन करना पड़ा. साथ ही रास्ते भर पुलिसकर्मियों को खर्चा दिया. बिहार की जेल में भी लगातार धमकिया दी गई. जान से मारने से लेकर परिवार को भी खत्म करने की भी धमकी दी गई. इस दौरान दुर्गसिंह भावुक भी हो उठे.
दुर्गसिह ने बिहार और राजस्थान के पत्रकारों का आभार जताया. साथ ही दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने पूरे मामले की जांच करने के लिए आईजी को आदेश दिए हैं.
दुर्गसिंह ने मुताबिक ये एक राजनीतिक और प्रशासनिक साजिश है. जिसके तार बिहार और राजस्थान दोनों से जुड़े हुए है. दुर्ग सिंह ने अपनी आप बीती सुनाते हुए बताया कि बाड़मेर एसपी ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और उनकी गिरफ्तारी करवाई. साथ ही राजस्थान और बिहार पुलिस के उच्चाधिकारियों के इस साजिश में शामिल होने की बात कही. उनके मुताबिक राजनेता भी इसमें मिले हुए हैं.
पत्रकार दुर्गसिंह अपने मामले को लेकर उच्च स्तर पर जांच चाहते हैं. उन्होंने कहा कि चाहे मेरी जान चली जाए, लेकिन मैं अपनी कलम नहीं रुकने दूंगा. उनकी मानें तो लोगों की समस्याएं और उनकी आवाज उठाने से वहां के राजनेता परेशान होते हैं. उन्होंने अपनी कई उन खबरों के बारे में बताया जिससे वहां के नेताओं और अधिकारियों को परेशानी हुई.
पत्रकारों ने जब दुर्गसिंह से इस षडयंत्र में शामिल लोगों के नाम पूछे तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. जल्द ही षड्यंत्र में शामिल लोगों के नाम सामने आ जाएंगे. उन्होंने किसी का भी नाम लेने से मना करते हुए कहा कि मुझे लगातार धमकियां दी जा रही है.
दुर्गसिंह ने बताया कि मेरे पास बाड़मेर एसपी ऑफिस से फोन आया था और मुझे वहां बुलाया गया. जब मैं वहां पहुंचा तो उन्होंने मुझे गिरफ्तार करने को कहा. पूछने पर बताया गया कि मेरे खिलाफ एसटी-एससी का मामला दर्ज हुआ है. पटना कोर्ट से अरेस्ट वारंट आया है. ऊपर का दबाव है इसलिए अरेस्ट करना पड़ेगा. साथ ही बाड़मेर पुलिस ने आतंकवादियों की तरह सलूक करते हुए अरेस्ट कर लिया. ना ही मुझे समझने का मौका दिया. ना हीं लीगल एडवाइज लेने का मौका दिया गया. कोर्ट का आदेश के हवाला देते हुए फौरान ग्रामीण पुलिस को बुलाकर सौंप दिया गया. उन्होंने बताया पटना पुलिस ने भी बुरी तरह सलूक किया. किसी परिजन या किसी भी लीगल एडवाइजर से बात करने का मौका नहीं दिया गया.
उन्होंने बताया कि बाडमेर से पटना तक जाने के लिए खुद का वाहन करना पड़ा. साथ ही रास्ते भर पुलिसकर्मियों को खर्चा दिया. बिहार की जेल में भी लगातार धमकिया दी गई. जान से मारने से लेकर परिवार को भी खत्म करने की भी धमकी दी गई. इस दौरान दुर्गसिंह भावुक भी हो उठे.
दुर्गसिह ने बिहार और राजस्थान के पत्रकारों का आभार जताया. साथ ही दुर्ग सिंह राजपुरोहित ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने पूरे मामले की जांच करने के लिए आईजी को आदेश दिए हैं.

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