जयपुर। कोरोना काल में उपजे हालात के बाद उसे संभालने के लिए मोदी सरकार की ओर से घोषित किए गए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज से राहत पहुंचाने के लिए सभी मंत्रालय और सरकारी मशीनरी लगी हुई है। लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पैकेज को धरातल तक पहुंचाने के लिए बीजेपी संगठन की मदद लेने का मानस बनाया है। कृषि मंत्रालय की सभी योजनाओं को अब बीजेपी संगठन किसानों तक पहुंचाएगा।
कृषि मंत्रालय को मिले हैं साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अब इस पैकेज को धरातल पर पहुंचाने का रोड मैप भी बना लिया है। 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में से कृषि मंत्रालय को मिले साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए का इस्तेमाल किसानों की बेहतरी के लिए किया जाएगा. इनमें से एक लाख करोड़ रुपए किसानों के इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट और ढाई लाख करोड़ रुपए किसानों के ग्रुप बनाकर एंटरप्रेन्योरशिप डवलप करने पर खर्च किए जाएंगे. इस पूरे टास्क की मॉनिटरिंग केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी कर रहे हैं। चौधरी किसान संघ के राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
ब्लॉक स्तर तक नियुक्त होंगे को-ऑर्डिनेटर
साढ़े तीन लाख करोड़ का पैकेज सही हाथों तक पहुंचे इसके लिए पूरे देश में प्रदेश, संभाग, जिला और विधानसभा स्तर तक को-ऑर्डिनेटर नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ये कोर्डिनेटर गांव-गांव तक घूमकर किसानों को इन योजनाओं से जुड़ने और योजनाओं का फायदा बताने का काम करेंगे। मंत्रालय की इस योजना से ना सिर्फ किसानों तक सीधे इस योजना की जानकारी पहुंच सकेगी बल्कि अक्सर नेताओं पर तोहमत लगाने वाले कार्यकर्ताओं की शिकायत भी दूर हो सकेगी।
अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक जानकारी पहुंचाएंगे
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी बताते हैं कि जो को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए जाएंगे वे हर गांव में घूम घूमकर राहत पैकेज से शुरू किए जा सकने वाले कृषि उद्योगों के बारे में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक जानकारी पहुंचाएंगे. सभी को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी होगी कि वे योजना के तहत मिलने वाली राशि, उसमें मिलने वाली सब्सिडी, क्षेत्र के लिहाज से लगाए जा सकने वाले उद्योगों और किसानों के संगठन बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देंगे.

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें