शुक्रवार, 5 जून 2020

निजी अस्पतालों को करना होगा कोरोना मरीज का निशुल्क इलाज

जयपुर। प्रदेश के निजी अस्पतालों  को कोरोना मरीज   का निशुल्क इलाज करना होगा. अगर अस्पताल ऐसा करने से मना करते हैं तो उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी। इस संबंध में राजस्थान हाई कोर्ट में दायर पीआईएल पर शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एनएम लोढ़ा ने यह जवाब पेश किया।


हाई कोर्ट में दायर हुई थी पीआईएल

निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीज का इलाज करने से मना करने पर अधिवक्ता शुचि सिंघवी जैन ने हाई कोर्ट में पीआईएल दायर की थी। पीआईएल में कोर्ट से मांग की गई थी कि ऐसे अस्पताल जिन्हें रियायती दर पर सरकार से जमीन अथवा किसी भी तरह का अनुदान अथवा सहायता मिली है उन अस्पतालों को कोरोना मरीजों का निशुल्क अथवा रियायती दरों पर इलाज करने के लिए पाबंद किया जाए। पीआईएल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक और डीजीपी को पार्टी बनाया गया था।

एडवाइजरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता समीर जैन ने बताया कि सरकार ने अपने जवाब में जो एडवाइजरी पेश की है उसमें सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में आए आदेश का भी हवाला दिया गया है। एडवाइजरी में सरकार ने कहा है कि ऐसे सभी चेरिटेबल ट्रस्ट और निजी संस्थान जिन्हें चिकित्सा संस्थानों की स्थापना और संचालन के लिए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न रियायतें और सुविधा प्रदान की गई है उन्हें कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत किया गया है। ऐसे में सभी हॉस्पिटल्स को कोरोना मरीजों का निशुल्क इलाज करना होगा।

मरीज को अन्य अस्पताल में जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं

ऐसे अस्पताल किसी भी कोरोना मरीज को किसी भी अन्य अस्पताल में जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। वहीं अगर ऐसा करते हुए पाए गए तो ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने पीआईएल को निस्तारित कर दिया।


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