जयपुर। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले की गई कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पर पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री भरत सिंह ने कटाक्ष किया है। भरत सिंह ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को चिट्ठी लिखकर राज्यसभा चुनावों की बाड़ेबंदी पर कटाक्ष किया है। भरत सिंह की यह चिट्ठी अब सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। भरत सिंह ने लिखा है कि राज्यसभा चुनाव खत्म होने के बाद किसी को कोई मतलब नहीं रहेगा। जो सांसद चुनकर जाएगा वह विधायकों को जानते तक नहीं हैं।
मेरे पत्र पर मंथन करने का कष्ट करें
अपनी चिट्ठी में भरत सिंह ने लिखा कि हमारा राज्यसभा की दोनों सीटों पर जीतना तो पहले से ही तय है। जिस गंभीरता के साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता इस समय राज्यसभा के चुनाव पर ध्यान दे रहे हैं, ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला। इसी प्रकार से यदि लोकसभा के चुनावों का अभी से पार्टी के वरिष्ठ नेता ध्यान रखकर कार्य करें तो उसके नतीजे भी कांग्रेस के पक्ष में आ सकते हैं। जबकि होता इसके ठीक विपरीत है। राज्यसभा के चुनाव समाप्त होंगे फिर किसी को कोई लेना देना नहीं रहेगा। सिंह ने कहा कि मेरे अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि राज्यसभा के अधिकांश सांसद उन विधायकों को भी नहीं पहचानते जो उनको चुनकर राज्यसभा में भिजवाते हैं। मेरे पत्र पर मंथन करने का कष्ट करें।
भरत सिंह की चिट्ठी सियासी हलकों में बनी चर्चा का विषय
भरत सिंह अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं और वे खुलकर अपनी राय रखते आए हैं। राज्यसभा चुनावों को लेकर भरत सिंह की इस चिट्ठी की चर्चा इसलिए भी क्योंकि खाद्य मंत्री रमेश मीणा नाराजगी के चलते विधायकों के साथ होटल में नहीं आ रहे हैं। अब भरत सिंह ने एक तरह के बाड़ेबंदी और राज्य के बाहर के नेता को उम्मीदवार बनाए जाने पर भी सवाल उठा दिए हैं।

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