गुरुवार, 11 जून 2020

कोरोना संकट में योजनाओं की परीक्षा!

कोराना वायरस का संकट शुरू हुआ है तो इसमें मेडिकल सुविधाओं की तो परीक्षा हो ही रही है साथ ही कई और योजनाओं की परीक्षा भी हो रही है, जो गांवों, शहरों के उत्थान या नागरिकों की मदद के लिए शुरू की गई थीं। यह अब खुल कर सामने आ गया है कि 15 साल पहले शुरू हुई महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा की योजना बहुत काम आ रही है। सरकार ने इसमें 40 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त फंडिंग कर दी है, जिससे संकट में आए मजदूरों की मदद हो रही है। पर पांच-छह साल पहले कई योजनाएं शुरू हुई थीं, जानकार लोग जमीनी स्तर पर उन योजनाओं को भी तलाश रहे हैं।

जैसे प्रधानमंत्री ने आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत कितने आदर्श ग्राम बने हैं और वहां कोरोना वायरस से लड़ाई कैसी चल रही है यह पता लगाना दिलचस्प है। सांसदों ने आदर्श ग्राम बनाने के लिए गांव गोद लिए थे। उन गोद लिए गांवों में पिछले पांच साल में क्या-क्या सुविधा विकसित हुई है और वे गांव कोरोना से क्या दूसरे गांवों से बेहतर ढंग से लड़ रहे हैं यह पता लगाना भी दिलचस्प होगा। वैसे अब तक केंद्र सरकार ने सांसद निधि ही बंद कर दी है तो लग रहा है कि गोद लिए गांव कुपोषण का शिकार हो जाएंगे। इसी तरह केंद्र सरकार ने एक सौ स्मार्ट सिटी बनाने का ऐलान किया था और पैसे भी आवंटित किए थे। उन स्मार्ट शहरों में कोरोना से लड़ाई कैसी चल रही है यह भी देखना दिलचस्प होगा।  

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