सोमवार, 22 जून 2020

नीतीश को खुश रखना चाहती है भाजपा

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर विशेषज्ञ जो भी कहें पर सरकार बिहार में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी में जुट गई है। हर दिन भले कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और रोज का औसत 14 हजार से ऊपर पहुंच गया पर प्रधानमंत्री ने खुद लॉकडाउन की संभावना से इनकार किया हुआ है। उलटे उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में उनसे कहा कि वे अनलॉक-दो की तैयारी करें। इसके बाद उन्होंने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत भी बिहार से की है। बाहर से लौटे मजदूरों को इस योजना के तहत काम दिया जाएगा। हालांकि अब भी साजिश थ्योरी में यकीन करने वाले कई लोग मान रहे हैं कि यह सब बिहार में नीतीश कुमार का भरोसा जीतने के लिए किया जा रहा है। चूंकि नीतीश चाहते हैं कि समय से चुनाव हो इसलिए भाजपा के नेता दिखावा कर रहे हैं वे चुनाव की तैयारी में लगे हैं। नीतीश कुमार का भरोसा जीतने की जरूरत दो कारणों से है। पहला तो यह कि चुनाव से पहले नीतीश इधर-उधर भागने की न सोचें और दूसरे, भाजपा को मनमाफिक सीटें मिल जाएं। ताकि चुनाव बाद सीटों की संख्या के हिसाब से महाराष्ट्र की राजनीति दोहराई जा सके।

बहरहारल, भाजपा के जानकार सूत्रों के कहना है कि बिहार विधानसभा के चुनाव को लेकर पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बात हुई है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं को आश्वस्त किया है कि समय से चुनाव होंगे। उन्होंने बताया है कि सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए चुनाव की तैयारियां कराएगी। चुनाव आयोग भी इसी हिसाब से अपनी तैयारियां करेगा। ध्यान रहे बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि ऑनलाइन वोटिंग कराई जा सकती है। इसकी संभावना नहीं है। वोटिंग पारंपरिक तरीके से ईवीएम के जरिए ही होगी। चुनाव आयोग के जानकार सूत्रों के मुताबिक इस बार पोलिंग सेंटर की संख्या बढ़ सकती है ताकि हर पोलिंग सेंटर पर कम बूथ बनाए जाएं। इससे सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित कराई जा सकेगी। चुनावकर्मियों की सुरक्षा के भी बंदोबस्त किए जाएंगे और लोगों के नजदीक आने की संभावना को कम किया जाएगा। 

इसके बावजूद सवाल है कि अगर अगस्त-सितंबर में बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण पीक पर पहुंचा और संक्रमितों की संख्या में लाख में हुई तब क्या होगा? ध्यान रहे कोरोना वायरस के मामले पश्चिम से पूरब की ओर और दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ रहे हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने नवंबर तक पीक आने की बात कही है। सो, अगर बिहार पीक की ओर से बढ़ रहा होगा तब चुनाव कराना संभव नहीं होगा और अगर चुनाव टला तो सब केंद्र के और खास कर अमित शाह के हाथ में जाएगा।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें