रविवार, 21 जून 2020

हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही राजस्थान मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल मुमकिन

जयपुर। राज्यसभा चुनावों में जीत के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार  फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद फिर से शुरू होगी। राज्यसभा चुनावों के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार और जल्द राजनीतिक नियुक्तियां करने पर विचार हो रहा है। कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल का रास्ता साफ हो जाएगा। 23 जून को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों पर फैसला निर्भर करेगा।

मंत्रियों का गणित

गहलोत सरकार  में अभी सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा 23 मंत्री हैं। 15 फीसदी सीलिंग के हिसाब से राजस्थान  में 30 मंत्री बन सके हैं. इस लिहाज से अभी 5 मंत्री और बन सकते हैं। मंत्रिमंडल फेरदबल में परफॉर्मेंस, जातीय-क्षेत्रीय समीकरण और सुटेबलिटी को प्रमुख मापदंड बनाया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने भी निकट भविष्य में मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के जल्द होने के संकेत दिए हैं। अविनाश पांडे ने  कहा, यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। परफॉर्मेंस का लगातार आकलन हो रहा है। बेहतर परफॉमेंस वाले साथियों को मौका दिया जाएगा।

नॉन परफॉर्मर मंत्री होंगे बाहर

विस्तार और फेरबदल में नॉन परफॉर्मर मंत्री बाहर होंगे। उनकी जगह नए चेहरों को मौका मिलेगा। मंत्रियों की परफॉर्मेंस और सुटेबिलिटी की रिपोर्ट हाईकमान के पास लगातार पहुंच रही है। राज्यसभा चुनावों में अन्य दलों के वोट लेने के बाद हाईकमान की निगाहों में गहलोत एक बार फिर खुद को कुशल रणनीतिकार साबित करने में सफल रहे हैं। ऐसे में अब गहलोत को अपनी पसंद के हिसाब से टीम का पुनर्गठन करने में भी हाईकमान की तरफ से पूरी छूट मिल सकती है।

जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद

मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कवायद होगी। निर्दलीय और बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए विधायकों में से कम से कम एक-एक विधायक को मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है। मौजूदा छह मंत्रियों को परफॉर्मेस और अन्य कारणों से बाहर का रास्ता दिखाया कर उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। गहलोत कैबिनेट में अभी 12 जिलों से कोई मंत्री नहीं हैं। कैबिनेट में अब भी कई क्षेत्र प्रतिनिधित्व से वंचित हैं। उन इलाकों से भी नए मंत्री बनाने पर विचार हो सकता है। मेवाड़, शेखावाटी और गोडवाड़ से मंत्री बनाया जाना तय है। राज्यसभा चुनाव का रण फतह करने के बाद अब कांग्रेस के हलकों में दो ही सबसे बड़े सवाल हैं - मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्त्यिां कब होंगी? इनका जवाब जल्द मिलने के आसार हैं।

ये बन सकते हैं मंत्री

बसपा छोड़ कांग्रेस में आए राजेंद्र सिंह गुढ़ा, जोगिंदर सिंह अवाना, संदीप यादव दौड़ में, निर्दलीयों में से संयम लोढ़ा, महादेव सिंह खंडेला, खुशवीर सिंह, राजकुमार गौड़ कतार में. कांग्रेस विधायकों में जेपी चंदेलिया, परसराम मोरदिया, राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, विनोद कुमार लीलावाली, जाहिदा खान, मुरारीलाल मीणा, गजेंद्र सिंह शक्तावत दौड़ में। मंत्रिमंडल में जिन्हें जगह नहीं मिलेगी उन्हें संसदीय सचिव बनाया जा सकता है।

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