जयपुर। कोरोना महामारी के बीच एक अच्छी खबर आई है। राज्य सरकार देशी गोवंश की डेरियां स्थापित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने कामधेनु डेयरी योजना लॉन्च की है। इसके पीछे सरकार का मकसद है लोगों की इम्युनिटी को बढ़ाना ताकि कोरोना जैसी बीमारी से लोगों को बचाया जा सके। इसमें पशुपालकों और किसानों को 90% तक लोन दिया जाएगा। तय समय पर अगर पशुपालक पूरा लोन चुका देते हैं तो उन्हें 30 फ़ीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी। पशुपालक इस योजना का ज्यादा फायदा ले सकें इसके लिए जयपुर जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है।
उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गौवंश होंगे
जिला कलक्टर एवं जिला गौपालन समिति के अध्यक्ष डॉ.जोगाराम ने बताया कि 'कामधेनू डेयरी योजना' के तहत स्वरोजगार के लिए नवयुवक, महिलाएं, इच्छुक पशुपालक और कृषक पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति अनुसार दूधारू देसी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं। डेयरी लगाने के लिए इच्छुक और पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को 30 जून 2020 तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। डॉ.जोगाराम ने बताया कि योजना के तहत जिले में पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरुप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जाएंगी। इस डेयरी में उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गौवंश होंगे।
यह योग्यता और शर्तें होंगी लागू
उन्होंने बताया कि डेयरी खोलने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त स्थान और हरा चारा उत्पादन करने के लिए कम से कम एक एकड़ भूमि होनी चाहिए। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 36 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इसमें लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि स्वयं द्वारा वहन करनी होगी एवं 90 प्रतिशत राशि बैंक लोन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। डेयरी योजना के तहत लिया गया ऋण तय समय पर चुकाए जाने पर राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी। लाभार्थी को इस क्षेत्र में कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है। इसके साथ ही डेयरी का संचालन स्थानीय निकाय के प्रतिबंधित सीमा क्षेत्र से बाहर किया जायेगा। योजना के बारे में अधिक जानकारी एवं आवेदन पत्र विभाग की वेबसाइट www.gopalan.rajasthan.gov.in से डाउनलोड कर प्राप्त किए जा सकते हैं।

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