शनिवार, 6 जून 2020

सीधी भर्ती वाले आईएएस की कार्यप्रणाली से सीएम गहलोत नाखुश,गहलोत की पहली प्रमोटी आईएएस

जयपुर। राजस्थान में कोरोना  के बढ़ते केसों से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  अब ब्यूरोक्रेसी में 'तमिलनाडु पैटर्न'  पर बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं। तमिलनाडु में सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों को दरकिनार कर राज्य सेवा के अफसरों को ही जिलों की कमान सौंपी जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि ब्यूरोक्रेसी में यह बदलाव पर नए रूप का होगा। ब्यूरोक्रेसी में यह बदलाव जातीय, क्षेत्रीय और राजनीतिक समीकरण के आधार पर नहीं होगा. परफॉर्मेंस के आधार पर अफसरों को जिलों की कमान सौपी जाएगी। परफॉर्मेंस के पैमाने का आधार कोरोना पीरियड रहेगा। जिन अफसरों की परफॉर्मेंस बेस्ट रही है उनकी कुर्सी बरकरार रहेगी।

सीधी भर्ती वाले आईएएस की कार्यप्रणाली से बेहद नाखुश हैं सीएम

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने भी हाल ही में संकेत दिए थे कि फील्ड में काम करने वाले अफसर लोक कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में ज्यादा सक्रिय रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों की कार्यप्रणाली से बेहद नाखुश बताए जा रहे हैं। सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों को जिन जिलों की कमान सौंपी गई है वहां कोरोना वायरस के आंकड़े थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जयपुर, जोधपुर, अजमेर, अलवर और कोटा इसके उदाहरण हैं। सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों की बजाए फील्ड का अनुभव रखने वाले राज्य सेवा के अफसरों को और जिलों की कमान सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री गहलोत को प्रमोटी और वसुंधरा राजे को सीधी भर्ती वाले आईएएस अफसरों पर भरोसा रहा है।

13 जिलों की कमान प्रमोटी अफसरों को

सीएम गहलोत ने फिलहाल राज्य के 33 जिलों में करीब 13 में प्रमोटी आईएएस अफसरों को जिलों की कमान सौंप रखी है। आईएएस कैलाश बैरवा को बांसवाड़ा, यज्ञमित्र सिंह देव को सीकर, मोहनलाल यादव को करौली, अंतर सिंह नेहरा को बूंदी, चेतनराम देवड़ा को चित्तौड़गढ़ और यूडी खान को झुंझुनू की कमान सौंप रखी है। यह बदलाव पिछले आठ माह में हुआ है। अक्टूबर 2015 तक महज आठ जिलों में ही प्रमोटी आईएएस ही कलक्टर थे।

सीएम गहलोत की पहली पसंद प्रमोटी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरएएस अफसरों की कार्यप्रणाली से बेहद खुश हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार ने करीब 4 महीने पहले आरएएस अफसरों की शक्तियों में बढ़ोतरी कर दी। मुख्यमंत्री गहलोत का मानना है की आरएएस अफसरों का जुड़ाव सीधे जनता से रहता है. मुख्यमंत्री सात संभागों में से जयपुर, कोटा, अजमेर और जोधपुर जैसे महत्वपूर्ण संभागों में कमिश्नर की कमान भी प्रमोटी आईएएस अफसरों को सौंप चुके हैं। हालांकि इनमें से कई अफसर सेवानिवृत्त हो गए हैं। वहां सरकार ने नए अफसर नहीं लगाए हैं। संभागीय आयुक्त का पद जिलों में मॉनिटरिंग के लिहाज से सबसे प्रभावशाली होता है।


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