जयपुर। गर्मियों से पहले पेयजल स्कीम के लिए राज्य सरकार ने तो अपनी कमर कस ली है लेकिन केंद्र सरकार की स्कीम में बजट का रोड़ा अटका पड़ा है।
मरुस्थलीय प्रदेश होने के कारण राजस्थान में पेयजल संकट हर साल गहराता है। खासकर गर्मियां आते ही राज्य में जलसंकट से लोग जूझते हुए दिखाई देते हैं। इसलिए केंद्र सरकार ने हर घर तक कनेक्शन पहुंचाने के लिए जलशक्ति मिशन चलाया है। केंद्र सरकार की इस योजना के लिए राज्य सरकार के सामने बजट का संकट गहरा रहा है हालांकि प्रदेश सरकार ने गर्मियों से पहले ही समय पर बजट जारी करते हुए अपनी कमर कस ली।
50 फीसदी राशि ही उपलब्ध करवा रही केंद्र सरकार
घर-घर कनेक्शन के लिए केंद्र सरकार केवल 50 फीसदी राशि ही राज्य सरकार को मुहैया करवा रही है जबकि पूर्ववर्ती सरकार 70 से 75 फीसदी राशि राज्य सरकार को देती थी। इसलिए घर तक पानी पहुंचाने का संकट राज्य सरकार के लिए खड़ा हो गया है। अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि केंद्र सरकार पिछली सरकारों की तरफ राज्य सरकार को 50 फीसदी से ज्यादा अनुदान दे। मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि केंद्र सरकार बजट बढ़ाएगी तो ही ये संभव हो पाएगा। नहीं तो हर घर तक पानी पहुंचाना बहुत मुश्किल होगा।
राज्य सरकार ने जारी कर दिए 50-50 लाख
प्रदेश सरकार राज्य की योजनाओं में कोई कसर नहीं छोड़ रही। प्रदेश में जनता के लिए पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आकस्मिक कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की राशि खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की है। इसके तहत जिला कलक्टर्स की अनुशंसा पर क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन आने वाले सभी जिलों में 50 लाख रुपये तक की सीमा में पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के लिए स्वीकृतियां जारी कर सकते हैं।
ऐसे में अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार के आग्रह के बाद अब केंद्र सरकार राजस्थान में पेयजल संकट पर कितना ध्यान दे पाता है क्योंकि राज्य अपनी योजनाओं पर तो पूरा फोकस है, लेकिन केंद्र सरकार की योजनाएं बजट के चलते सरकार पर भारी पड़ती दिखाई दे रही हैं।

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