सोमवार, 30 मार्च 2020

चीन अपनी सफाई में लगा है

चीन को लेकर सारी दुनिया आशंकित है। इस बात की चारों तरफ चर्चा है कि चीन ने कोरोना वायरस फैलाया है। इस चर्चा को खत्म करने के लिए या इसके सबूत मिटाने के लिए चीन इन दिनों पीछे जाकर वायरस का समूचा इतिहास मिटाने में लगा है। गौरतलब है कि चीन में वुहान वायरस या वुहान निमोनिया की खूब चर्चा होती रही है। ‘चाइना डेली’ ने 2018 में एक ट्विट किया था, जिसमें उसने बताया था कि वुहान इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी में 15 सौ किस्म के अलग अलग वायरस के नमूने हैं।

चाइनीज मीडिया की और भी ऑनलाइन रिपोर्ट्स में वुहान वायरस या वुहान निमोनिया की चर्चा रही है। पर जब से कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैला है और इसे लेकर वुहान चर्चा में आया है तब से चीन की मीडिया अपनी तमाम पुरानी रिपोर्ट्स मिटाने में लगी है। इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि चीन की मीडिया के पुराने रिपोर्ट्स से वुहान वायरस या इससे मिलते जुलते जो भी शब्द लिखे गए थे उन्हों मिटाया जा रहा है।

असल में चीन नहीं चाहता है कि इस वायरस के लिए दुनिया उसे कठघरे में खड़ा करे क्योंकि इससे उसका कारोबार पूरी तरह से चौपट हो जाएगा। तभी उसने अमेरिका पर आरोप लगा दिया। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस कहा तो चीन ने पलट कर आरोप लगा दिया कि पिछले साल के अंत में चीन के सैनिकों का एक दस्ता वुहान गया था और वहीं वायरस लेकर गया था।

चीन ने इस बात को इतने जोर-शोर से कहना शुरू किया कि ट्रंप को पीछे हटना पड़ा। ट्रंप ने बयान देकर कहा कि वे कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस नहीं कहेंगे। इसके बाद अचानक चीन भी चुप हो गया। अब दुनिया को और खास कर मीडिया को चीन की कहानी का पर्दाफाश करना चाहिए। पुरानी मीडिया रिपोर्ट्स और उनके ट्विट्स को सामने लाकर उसके बारे में लोगों को बताना चाहिए। दुर्भाग्य से किसी भी देश का मीडिया ऐसा नहीं कर रहा है उलटे मीडिया में चीन की कही बातों को पूरी तरह से सच मान कर प्रचारित किया जा रहा है। भारत के सबसे बेहतरीन सामरिक जानकारों में से एक ब्रह्मा चैलानी लगातार चीन का सच सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। 

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