रविवार को जिस जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई है क्या वह एक प्रयोग है? क्या इसके बाद लंबे समय के कर्फ्यू की घोषणा होने वाली है? इस तरह की चर्चओं का बाजार गुरुवार से ही गरम है। माना जा रहा है कि सरकार 14 घंटे की इस कर्फ्यू के जरिए यह अंदाजा लगाना चाह रही है कि लोग इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं और सरकार को इसे कैसे हैंडल करना है। सबसे ज्यादा इस बात का अंदाजा लगाया जाना है कि सरकारी सेवाओं की अनुपस्थिति में लोग कैसे काम चलाते हैं और लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार को क्या क्या उपाय करने होंगे।
तभी कहा जा रहा है कि इसके बाद जनता कर्फ्यू को या लॉकडाउन को आगे बढाया जा सकता है। इस बीमारी के जानकारों का कहना है कि एक दिन के लॉकडाउन से चेन नहीं टूटने वाली है। इसके लिए कम से कम दो हफ्ते से लेकर एक महीने तक के लॉकडाउन की जरूरत है। बताया जा रहा है कि रविवार के अनुभव को आधार बना कर सरकार अगले कुछ दिन तक और सारी चीजों को बंद करने की घोषणा कर सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार राशन, मेडिकल सेवा, बैंकिंग आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपायों पर विचार कर रही है। इसकी रूप-रेखा बनी हुई है और रविवार के अनुभव के बाद इसमें जरूरी सुधार किया जाएगा। उसके बाद व्यापक लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है।

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