सोमवार, 23 मार्च 2020

राजस्थान सरकार के कोविड-19 राहत कोष खजाना,अब भरने लगा

जयपुर। कोरोना वायरस  की चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील का असर  नजर आने लगा है। यही वजह है कि केन्द्र और राज्य सरकार के साथ-साथ अब जनप्रतिनिधि और नागरिक भी सरकार के आर्थिक सहायता कोष की मुहिम से जुड़ने लगे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी मंत्रियों को एक लाख और विधायकों को 1 माह का वेतन कोविड-19 कोष में देने के आदेश दिए हैं।

हालांकि, इससे पहले भी राजस्थान सरकार के मंत्री और विधायक अपने-अपने स्तर पर सहायता कोष में आर्थिक मदद देने की घोषणा कर चुके हैं। 2 दिन पहले इसकी शुरुआत नोहर से कांग्रेस के विधायक अमित चाचा ने अपने 1 माह का वेतन कोष में देने की। घोषणा के साथ किया उसके बाद दूदू से कांग्रेस के विधायक बाबूलाल नागर सहित अन्य विधायक मंत्री भी आगे आने लगे। कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के जनप्रतिनिधि भी इस मुहिम में जुड़ रहे हैं। 

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे  ने अपने 2 महीने का वेतन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सहायता कोष में दान करने का निर्णय किया है। राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, मंत्री ममता भूपेश, विधायक भंवरलाल शर्मा, डॉ. राजकुमार शर्मा और पूर्व मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने भी आर्थिक सहयोग की घोषणा की है। कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने जहां 5 लाख की सहायता देने की घोषणा की है। वहीं,, पीसीसी उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने भी 5 लाख देने की घोषणा की है। पीसीसी सचिव सुनील परवानी ने भी एक लाख रुपये की घोषणा की है।


सरदारशहर से कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा ने लिया 2 महीने की सैलेरी मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने का फैसला किया है। नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा ने भी 2 माह का वेतन कोविड-19 राहत कोष में देने का पत्र जारी कर दिया है। वहीं पूर्व मंत्री एवं बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य डॉ. प्रभुलाल सैनी ने पूर्व विधायक के नाते मिलने वाली एक माह की पेंशन राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है। इसके साथ ही जेल विभाग के अधिकारियों ने भी अपनी 1 दिन की तनख्वाह मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की घोषणा की है।


इन जन प्रतिनिधियों के अलावा आरएएस और आरपीएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री से मिलकर अपने 1 दिन का वेतन राहत कोष में देने की घोषणा की है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने भी 1 दिन का वेतन इस कोष में देने की घोषणा की है। मुंबई में काम कर रहे नोखा के उद्योगपति नरसी कुलरिया ने 21 लाख रूपये इस राहत कोष में देने का ऐलान किया है। इसके अलावा भी पीडब्ल्यूडी पीएचडी सहित विभिन्न सरकारी महकमों में कर्मचारियों के संगठन और सामाजिक संगठन भी इस मुहिम से जुड़ रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें