जयपुर। कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान में लॉकडाउन किया गया है। वहीं, इस लॉकडाउन के बाद गरीबों के लिए कई चुनौतियां खड़ी हो गई है, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती भोजन को लेकर है। हालांकि, राजस्थान सरकार इसको लेकर कई कदम उठा रही है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार लॉकडाउन के दौरान रोजी-रोटी से वंचित लोगों को हजार रुपए देगी।
वहीं, प्रदेश में एक करोड़ 40 लाख परिवारों के लिए 2000 करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई है। गहलोत सरकार ने प्रदेश के 78 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को 2 माह की पेंशन एक साथ तत्काल देने के निर्देश दिये है. साथ ही, 36 लाख 51 हजार बीपीएल स्टेट बीपीएल और अन्त्योदय योजना के लाभार्थियों को 2 माह की पेंशन एक साथ तत्काल देने के निर्देश दिये है।
साथ ही, 36 लाख 51 हजार बीपीएल स्टेट बीपीएल और अन्त्योदय योजना के लाभार्थियों के साथ 25 लाख निर्माण श्रमिकों एवं रजिस्टर्ड स्ट्रीट वेन्डर्स को अनुग्रह राशि के तौर पर एक हजार रूपये मिलेंगे। यह राशि सीधे इनके बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। जबकि, स्वंयसेवी संस्थाओं, दानदाताओं एवं अन्य भामाशाहों के सहयोग से जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाया जायेगा।
जहां, दानदाता या स्वयंसेवी संस्था उपलब्ध नहीं होंगी वहां, जिला कलक्टर अनटाइड फंड की मदद से खाने का इंतजाम करेंगे. राज्य सरकार ऐसे हर जरूरतमंद तक राशन के पैकेट भी पहुंचायेगी, जो एनएफएसए की सूची में शामिल नहीं हैं। इसमें आटा, दाल, चावल, तेल आदि जरूरत की वस्तुएं शामिल होंगी। ये पैकेट शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक सरकारी भवन, पुलिस थानों, तहसील, पंचायत भवन एवं पटवार भवन पर उपलब्ध करवाये जाएंगे। इस कार्य में पटवारी एवं ग्रामसेवक की सहायता ली जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासी इस खतरे को लेकर सजग हैं एवं आगे बढ़कर सरकार की गाइडलाइन्स का पालन कर रहे हैं, लेकिन आपात स्थिति के लिए भी हमें तैयार रहना होगा। आप सबके सहयोग से हम इस संकट से सफलतापूर्वक बाहर निकल पाएंगे। बता दें कि, सीएम की अपील के बाद कई प्रदेश के कई भामाशाहों गरीबों के मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं।

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