जयपुर। राजधानी जयपुर में कोरोना वायरस से संक्रमण की चैन ब्रेक करने के लिए आम जनता के साथ प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं। प्रशासन की ओर से किए जा रहे प्रचार-प्रसार का असर अब साफ दिखने लगा है।
लोगों में मास्क और सैनेटाइजर को लेकर जागरूकता बढ़ी है। बाजारों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक पर अपेक्षाकृत भीड़ कम हो गई है। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर है।
छोटी-बड़ी हर बात पर निगाह रखी जा रही है। जिले की सीमाओं पर पुलिस के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें यात्री वाहनों को रोककर लोगों की जांच कर रही हैं। यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्रों में घर-घर पहुंचकर लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के बारे में जानकारी दी जा रही है।
कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के मद्देनजर कलेक्टर जोगाराम ने 1 मार्च के बाद विदेश प्रवास से जिले में आने और ठहरने वाले प्रत्येक देशी-विदेशी नागरिकों की सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसारउनके स्वास्थ्य की समुचित जांच और स्क्रीनिंग की जा सके। कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जिले सभी एसडीओ को हर गांव एवं नगरीय इलाके में अपना सूचना तंत्र मजबूत करने, धारा 144 के निर्देशों की पालना कराने, मेलों, धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजनों को निरस्त करने के लिए आयोजकों से समझाइश करने और जरूरत पड़ने पर पुलिस की सहायता से सख्ती से इसकी पालना कराने के निर्देश दिए हैं। सभी उपखंड अधिकारियों को कहा कि सबसे ज्यादा जरूरत इस बात की है कि सभी एसडीओ ग्राम सरपंच, गिरदावर, पटवारी, बीट कांस्टेबल और अन्य के जरिए अपना सूचना तंत्र मजबूत कर यह जानकारी रखें कि कब कोई व्यक्ति विदेश यात्रा कर हाल ही लौटा है।
अगर ऐसे व्यक्ति में संक्रमण के किसी प्रकार के लक्षण नहीं पाए जाएं तो उसे निर्धारित प्रोटोकॉल अपनाते हुए होम-क्वारेंटाइन में रखा जाए। इस दौरान उसके निवास पर सूचना चस्पा हो, बाएं हाथ के पीछे ‘‘होम एवं क्वारेटाइन दिनांक’’ अंकित की जाए। इस बारे में भली-भांति प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि आस-पास के लोगों में संक्रमण का खतरा कम हो सके। इस दौरान हर दूसरे तीसरे दिन होम क्वारेंटाइन में रखे गए व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण ब्लॉक सीएमएचओ एवं मेडिकल टीम से कराया जाए। संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर तुरन्त उसे क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया जाए।
9 विभागों के अधिकारियों को दी अलग-अलग जिम्मेदारी
पुलिस आयुक्त, एसपी, उपखंड अधिकारी समस्त- धारा 144 की सख्ती से पालना।
पुलिस आयुक्त जयपुर, एसपी जयपुर ग्राामीण- फर्जी समाचार, अफवाहे फैलाने वालों पर सख्ती से एक्शन करना।
पुलिस आयुक्त जयपुर, जयपुर ग्रामीण एसपी- सभी क्वारेटाइन केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करना।
CMHO प्रथम, जयपुर- होम आईसोलेट व्यक्तियों की सूची का अखबारों-वेबसाइट पर प्रकाशन।
CMHO प्रथम, द्वितीय, उपखंड अधिकारी- होम आईसोलेट व्यक्तियों की निगरानी के लिए कर्मचारियों की नियुक्त।
सभी उपखंड अधिकारी, पर्यटन विभाग- 30 मार्च तक आयोजित किए जाने वाले मेलो, उत्सव की सूची तैयार करना।
सभी एसडीओ, CMHO, BCMHO-विदेशों से लौटे हुए व्यक्तियों की पहचान, सूची तैयार कर जांच करना।
सभी एसडीओ, CMHO, BCMHO-एसडीएम दफ्तर और ब्लॉक सीएमएचओ ऑफिस में कंट्रोल रूम स्थापित करना।
सभी एसडीओ, BCMHO- निजी अस्पतालों में भी इन सभी सावधानियों को सुनिश्चित करना।
सभी एसडीओ, एसीपी, डिप्टी, थानाधिकारी- वाहनों पर लगे लाउडस्पीकरों के माध्यम से जागरूकता फैलाना।
डीसीपी उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, एसडीओ, उद्योग विभाग- निजी क्षेत्र के नियोत्ताओं को 31 मार्च।
एडीएम प्रथम और सभी SDO-अधिकारी-कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत नहीं करना, जो हैं उनके अवकाश निरस्त करना।
डीएसओ, बाट-माप एवं नियंत्रण अधिकारी- कालबााजारी, जमाखोरी और मुनाफाखोरी के खिलाफ एक्शन।
एसडीओ, जेलर कारागृह- जेलों में चिकित्सा सुविधा,सेनेटाइज करना,संदिग्ध व्यक्ति पाए जाने पर आईसोलेशन में रखना,नए कैदी आने पर उन्हे अलग से आईसोलेशन में रखना।
सभी एसडीओ, ईओ नगरपालिका- प्रमुख चौराहो, मार्गों,सार्वजनिक स्थलो पर होर्डिंग, पोस्टर, बैनर लगाकर जागरूकता पैदा करें।
CMHO, BCMHO- सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों को खुला रखना, निर्धारित सेनेटाइजेशन नॉमर्स की पालना करना।
एडीएम दक्षिण, उपनियंत्रक नागरिक सुरक्षा- जयपुर शहर में मुख्य-मुख्य स्थानों पर सिविल डिफेंस के वॉलिन्यटर्स लोगों को करें जागरूक
ड्रग कंट्रोलर- मास्क ओर सैनेटाइजर्स की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकना।
बहरहाल प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि सोशल मीडिया, फेसबुक और वाट्सअप इत्यादि पर कोरोना वायरस से जुड़े किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। जिला प्रशासन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी को ही सही मानें।

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