अपने गुल्लक कलेक्टर जोगाराम को सौंपे
जयपुर। कहते हैं गुल्लक में रखी राशि बच्चों की जमा पूंजी होती है। बच्चे गुल्लक में छोटी-छोटी बचत करते हैं। इसमें जमा पैसों से तरह-तरह के सपने बुनते हैं। कोई तरह-तरह के खिलौने लेने का तो कोई गुड्डे-गुड़िया खरीदने का, लेकिन कोरोना और लॉक डाउन के समय जरूरतमंदों के दर्द के सामने नन्हे मुन्नों की ख्वाहिशें गुम हो गई। गुल्लक फोड़कर उसमें रोजाना एकत्र की गई राशि लेकर बच्चे कलेक्टर अंकल के पास अपना योगदान देने पहुंच गए। बच्चों ने मामूली रकम नहीं बल्कि 4 हजार 115 रुपये की सालों से जमा राशि कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर जोगाराम को दी।
दो नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी गुल्लक में जमा राशि कोरोना और लॉकडाउन के समय जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कलेक्टर को देकर विराट हृदय का परिचय दिया है। लॉक डाउन के समय जरूरतमंदों के लिए भाई-बहन तृप्ता पुरोहित और चिराग पुरोहित ने अपनी गुल्लक में जमा 4 हजार 115 रुपये की राशि कलेक्टर जोगाराम को देकर कहा कि सरकार तो अपने स्तर पर काम कर रही है। सरकार की मदद के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ कर्मचारी संगठन भी आए हैं और इसलिए हमने भी सोचा की क्यों ना हमारी गुल्लक में जमा राशि जरूरतमंद लोगों को दी जाए। जिन्हें इस संकट की घड़ी में बहुत जरूरत है। पोलोविक्ट्री के पास हाथी बाबू मार्ग में रहने वाले चिराग पुरोहित और तृप्ता पुरोहित ने अपने गुल्लक कलेक्टर जोगाराम को सौंपे। दोनों बच्चों के गुल्लक में सभी नोटों को मिलाकर कुल 4 हजार 115 मिले। दोनों बच्चों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में रुपए दिए ताकि बीमारों को और जरूरतमंदों की मदद हो सके।
पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले चिराग पुरोहित ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते हमारे देश में संकट पैदा हो रहा है और हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री को कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जरूरतमंद और कमजोर तबके के लोगों की मदद करना चाहते हैं। इसी कड़ी में मदद करने के लिए हमने ऐसे मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिए हैं। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली चिराग की बहन तृप्ता पुरोहित ने बताया कि जब हमारे देश में बीमारी चल रही थी तो हमें लगा कि यह गुल्लक के पैसे बीमारों के काम आ जाएंगे। हमने सारे पैसे कलक्टर अंकल को दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे इस कार्य से अन्य बच्चे भी प्रेरित होंगे और ऐसी हमें उम्मीद है। दादा पवन पुरोहित ने बताया की बच्चों ने आज जो काम किया है उसका उन्हें गर्व है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी बच्चे इस तरह के काम करते रहेंगे।
बहरहाल, दोनों बच्चों ने जब कलेक्टर जोगाराम को पूरी बात बताई और जब कलेक्टर ने पूछा कि आप ही पैसे मुख्यमंत्री सहायता कोष में क्यों दे रहे हो। तो कलेक्टर ने चिराग की पूरी बात सुनी और दोनों बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि मदद की भावना बहुत अच्छी है और ऐसी ही भावना हमेशा रखें और अपने जीवन में आगे बढ़े। गुल्लक के पैसे बच्चों की सहायता के लिए भेजकर सुकून महसूस कर रहे हैं।

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