गुरुवार, 26 मार्च 2020

गरीब की मदद में पैकेज घोषित

 केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच गरीबों के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। सरकार ने इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना नाम दिया है। इस योजना के तहत राशन की दुकानों से 80 करोड़ लोगों को अगले तीन महीने तक प्रति व्यक्ति पांच किलो गेहूं या चावल और इसके अलावा हर राशन कार्ड पर एक किलो दाल मुफ्त मिलेगी। सरकार गरीबों को तीन महीने तक मुफ्त में गैस सिलिंडर भी देगी। 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि साढ़े 20 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक हर महीने पांच सौ रुपए दिए जाएंगे ताकि उन्हें कुछ अतिरिक्त मदद मिल सके। वित्त मंत्री ने तीन करोड़ गरीब बुजुर्गों, विधवाओं और गरीब दिव्यांगों को एक-एक हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। गौरतलब है कि इस समय देश भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने 21 दिन का पूरा लॉकडाउन किया है, जिससे गरीबों की रोजी-रोटी पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। कल-कारखाने बंद होने से बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां भी गई हैं।

वित्त मंत्री ने गुरुवार को पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 182 रुपए से बढ़ा कर 202 रुपए की गई है। इससे पांच करोड़ परिवारों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8.69 करोड़ किसानों को अप्रैल के पहले सप्ताह में दो-दो हजार रुपए कि किस्त उनके खातों में पहुंचा देगी। वित्त मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर मिलेगा।

वित्त मंत्री ने राहत पैकेज के साथ एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित लोगों के इलाज में जुटे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का 50 लाख रुपए का बीमा कराया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारियों को भविष्य निधि खाते से 75 फीसदी जमाराशि या तीन महीने के वेतन में जो भी कम हो उसे निकालने की अनुमति दी गई है। छोटी इकाइयों को राहत देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अगले तीन महीने तक उन कंपनियों का भविष्यनिधि योगदान जमा कराएगी, जिनमें 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपए तक के वेतन वाले हैं।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि 63 लाख महिला स्वयं सहायता समूह के लिए बिना किसी गारंटी के कर्ज राशि दोगुनी कर 20 लाख रुपए की गई। इससे सात करोड़ परिवारों को फायदा होगा।  उन्होंने बताया कि 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज पर तत्काल प्रभाव से अमल होगा और नकदी मदद एक अप्रैल से मिलेगी। उद्योग को राहत पैकेज देने से जुड़े एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि इस बारे में बाद में बात होगी।

राहुल, चिदंबरम ने किया स्वागत

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच गरीबों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषित पैकेज का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्वागत किया है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इसका स्वागत किया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक बयान में कहा है कि यह राहत पैकेज पर्याप्त नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से गुरुवार को 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा के बाद राहुल गांधी ने ट्विट करके कहा- वित्तीय सहायता पैकेज की आज सरकार की घोषणा, सही दिशा में पहला कदम है।

राहुल ने अपने ट्विट में आगे लिखा- भारत पर उसके किसानों, दिहाड़ी मज़दूरों, श्रमिकों, महिलाओं व बुज़ुर्गों का कर्ज है, जो इस लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं। कांग्रेस के एक दूसरे नेता और पूर्व वित्त मंत्री और पी चिदंबरम ने भी केंद्र मोदी सरकार की ओर से घोषित एक लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज का स्वागत किया है। चिदंबरम ने ट्विट किया- मुझे इस बात की खुशी है कि सरकार ने एक आर्थिक एक्शन प्लान की घोषणा की है।

चिदंबरम ने आगे ट्विट में लिखा- सरकार के घोषित प्लान में वे बिंदु शामिल हैं जो मैंने कल अपने 10 प्वाइंट एक्शन प्लान में रखे थे। मैं इस राहत पैकेज का स्वागत करता हूं। हालांकि उन्होंने भी कहा कि योजना अपने आप में पूरी नहीं है। चिदंबरम ने अपने ट्विट में लिखा- सरकार को जल्दी एहसास हो जाएगा कि उन्हें बहुत कुछ करने की जरूरत है। राहत पैकेज में गरीबों को अतिरिक्त तौर पर तीन महीने का अनाज दिया जा रहा है जो कि स्वागत योग्य है. हालांकि इस प्लान में गरीबों की जेब को फायदा हो ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने दूसरा पैकेज जल्दी जारी होने की उम्मीद जताई।

दूसरी ओर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे चिकित्साकर्मियों का वेतन दोगुना किया जाए और कर्ज पर जाने वाली ईएमआई को कुछ महीनों के लिए टाला जाए। उन्होंने एक बयान में कहा- समाजशास्त्रियों, अर्थशास्त्रियों और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने मांग की थी कि दिहाड़ी मजदूरों, वेतनभोगी लोगों, गरीबों और किसानों की मदद की जाए। आज सरकार ने एक पैकेज की घोषणा की जिसका हम स्वागत करते हैं। कोरोना से लड़ाई लड़ने और लोगों की मदद के लिए यह कम है।

सोनिया ने मोदी को लिखी चिट्ठी

कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए घोषित 21 दिन के लॉकडाउन का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों और अर्द्धचिकित्सकों की रक्षा करने और आपूर्ति शृंखला को आसान बनाने के लिए कदम उठाने की मांग की। सोनिया गांधी ने साथ ही कहा कि केंद्र को छह महीनों के लिए सभी ईएमआई को टालने पर विचार करना चाहिए, इस अवधि के लिए बैंकों द्वारा लिया जाने वाला ब्याज भी माफ करना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने चिट्ठी में लिखा- पूरे देश में 21 दिन तक लॉकडाउन का सरकार का फैसला स्वागत योग्य है, हम इसका समर्थन करेंगे। दूसरे विपक्षी नेताओं ने भी कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हो रहे लोगों की मदद की अपील की। केंद्र की ओर से राहत पैकेज की घोषणा से थोड़ी देर पहले ही बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य सरकारों से गरीबों के लिए राहत पैकेज की मांग की थी। दोनों ने कहा था कि कर्फ्यू जैसी सख्ती वाले लॉकडाउन से गरीबों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

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