सोमवार, 16 मार्च 2020

सांसद हनुमान बेनीवाल पर हुए हमले का केस दर्ज नहीं करने का मामला: मुख्य सचिव और डीजीपी कल लोकसभा में होंगे पेश


जयपुर। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर हुए हमले के मामले में 17 मार्च को मुख्य सचिव डी बी गुप्ता और डीजीपी भूपेंद्र सिंह समेत पांच अफसरों को लोकसभा में पेश होना है। इसी को लेकर आज मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने सचिवालय में बैठक ली। मुख्य सचिव ने गृह विभाग के acs राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र सिंह, बाड़मेर के तत्कालीन एसपी शरद चौधरी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से तथ्यात्मक जानकारी लेकर कल पेश की जाने वाली रिपोर्ट के बारे में चर्चा की। 

बैठक में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के काफिले पर हमला हुआ तुरंत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई।।हालांकि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इसके बावजूद रिपोर्ट दर्ज कराने वालों के बयान नहीं होने के चलते आगे प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही।

गौरतलब है कि कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और सासंद हनुमान बेनीवाल के काफिले पर नवंबर पर हमला हुआ था तब प्राथमिकी दर्ज नहीं कराने सहित अन्य तरह की शिकायत को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सदन में रखा था। जिसके बाद अब समिति ने  मुख्य सचिव डीजीपी सीएम के विशिष्ट सचिव अमित ढाका सहित संबंधित अधिकारियों को 17 मार्च को समिति के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे। 

हाल ही में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को लोकसभा की कमेटी ने स्वीकार कर लिया है। कमेटी ने प्रदेश के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, डीजीपी भूपेंद्र यादव, एडीजीपी उमेश मिश्रा, बाड़मेर के तत्कालीन एसपी शरद चौधरी और सीएमओ के विशेष सचिव अमित ढाका को 17 मार्च को लोकसभा में तलब किया है। ऐसा पहली बार है, जब प्रदेश के पांच आईएएस और आईपीएस अफसरों को एक साथ लोकसभा में तलब किया जा रहा है।

बायतु में हुआ था काफिले पर हमला

मामला बाड़मेर जिले के दौरे के समय सांसद बेनीवाल और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री के काफिले पर बायतू में हमले से जुड़ा है। इस मामले में पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज नहीं करने पर बेनीवाल ने पिछले साल 19 नवंबर काे विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लोकसभा में रखा था। उन्होंने लोकसभा के स्पीकर ओम बिडला से अनुरोध किया था कि उनके विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को समिति के पास भेज दिया जाए, जिसे स्वीकार करते हुए स्पीकर ने मामला कमेटी के पास भेज दिया था।

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