यह लाख टके का सवाल है कि अब भारत की पांअच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का क्या होगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार की रात को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह स्वीकार किया कि देश की अर्थव्यवस्था पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ेगा। सल में अभी तक कोई ऐसा वस्तुनिष्ठ आकलन नहीं हुआ है कि अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान होगा पर विश्व की अर्थव्यवस्था जिस तरह के गिर रही है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि भारत में उसी अनुपात में बरबादी होनी है। करीब दो हफ्ते पहले अंदाजा था कि विश्व की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। एक हफ्ते पहले अनुमान लगाया गया कि नुकसान 148 लाख करोड़ रुपए का होगा और अब अनुमान है कि 255 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
सोचें, अगर कोरोना का कहर कुछ दिन और चलता रहा या हालात ज्यादा भयावह हुए तो नुकसान का आंकड़ा कितना बड़ा होगा? विमानन सेक्टर, पर्यटन, होटल इंडस्ट्री, खुदरा कारोबार सबके दिवालिया होने का खतरा है। इसका शृंखलाबद्ध असर हर उद्योग या कामकाज पर पड़ेगा। अगर अगले तीन महीने तक हालात इसी तरह रहे तो आर्थिकी के जानकारों का कहना है कि भारत को पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के बारे में भूल जाना होगा। भारत को पहले आर्थिकी की बुनियादी चीजों को ठीक करना है और उसमें एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है।

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