गुरुवार, 26 मार्च 2020

लॉकडाउन में मुख्यमंत्री गहलोत को सता रही पशु-पक्षियों की चिंता

बोले- भेड़, बकरी अन्य मूक पशुओं की जान की भी परवाह करनी है

जयपुर। कोरोना वायरस  की चुनौती से निपटने में राजस्थान सरकार लगातार जुटी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने बुधवार को वीसी के जरिए कोरोना कोर ग्रुप से फीडबैक लिया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नागरिकों से अपील की कि प्रत्येक घर में दो अतिरिक्त लोगों का भोजन बने। देश में कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति भूखा नहीं सोना चाहिए।

राजस्थान में सरकार सप्लाई चेन को बाधित नहीं होने देगी। इसके लिए आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलें, जरूरी है। फल-सब्जी खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने वाले ट्रकों को नहीं रोका जाए। जहां तक संभव हो, फल-सब्जी आवश्यक वस्तुओं की डोर-स्टेप-डिलीवरी हो।

गरीबों जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अक्षय पात्र, मंदिर ट्रस्टों, मिड डे में मील पकाने वाले सहायता समूह की मदद ली जाए। मंडियों में अनाज की खरीद-फरोख्त जारी रहे। सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद पंजीकरण को स्थगित किया है। सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करते हुए मंडियों में कृषि जिंसों के खरीद-बेचान कार्य जारी रहें।  

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बेजुबान पशु-पक्षियों की भी चिंता की जाए। हमें गाय, भेड़, बकरी अन्य मूक पशुओं की जान की भी परवाह करनी है। इसके लिए स्वयंसेवी धार्मिक संस्थाओं के लोग आगे आएं। इन मूक पशु-पक्षियों के दाना-पानी की जिम्मेदारी उठाएं।

सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया। गौशालाओं में चारे-पानी की व्यवस्था करने वाले लोगों को लॉकडाउन के दौरान सुगमता से परमिट दिए जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर प्रतिदिन अपने जिलों में मीडियाकमियों को करे ब्रीफिंग करें। किसी भी गलत सूचना का प्रसार तुरंत ही रोका जाए। 

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