राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान के सिर्फ दो शिक्षक ही होंगे सम्मानित
पांच सितंबर, शिक्षक दिवस के मौके पर इस बार राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का बड़े स्तर पर आयोजन किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के लिए यहां शिक्षक ही नहीं मिल पाए. इस बार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए राजस्थान का कोटा 15 से घटाकर 6 कर दिया है. प्रदेश के लिए शर्म की बात ये है कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के लिए राजस्थान से 6 योग्य शिक्षक भी नहीं मिल पाए.
मालूम हो कि पांच सितंबर, शिक्षक दिवस के मौके पर इस बार राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का बड़े स्तर पर आयोजन किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के लिए यहां शिक्षक ही नहीं मिल पाए. इस बार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए राजस्थान का कोटा 15 से घटाकर 6 कर दिया है. प्रदेश के लिए शर्म की बात ये है कि राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान के लिए राजस्थान से 6 योग्य शिक्षक भी नहीं मिल पाए.
राजस्थान के सिर्फ दो शिक्षक ही होंगे सम्मानित
शिक्षक दिवस पर राजस्थान के मात्र दो शिक्षकों को ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. एमएचआरडी की ओर से जारी सूची में प्रदेश से दो शिक्षक डॉ. सुमन जाखड़ और मो. इमरान खान के नाम ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार- 2017 के लिए शामिल किए गए हैं. शर्म से सिर इसलिए भी झुक जाता है क्योंकि राजस्थान से कम विकसित और छोटे राज्यों में भी भले ही सम्मानित होने वाले शिक्षकों को कोटा कम किया हो. लेकिन वहां फिर भी राजस्थान से ज्यादा ही शिक्षक सम्मानित होंगे.
गौरतलब हो कि सिक्किम और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं. जहां तीन-तीन शिक्षकों का कोटा है और दोनों ही राज्यों में तीन-तीन शिक्षकों का चयन हुआ है. राष्ट्रीय स्तर पर कुल 145 शिक्षकों के सम्मान का कोटा तय हुआ था, लेकिन चयनित शिक्षकों की सूची में 45 शिक्षकों के नाम ही हैं.
क्या है मामला
दरअसल, मंत्रालय ने पिछले दिनों राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के नियमों में बदलाव किया था. ये पुरस्कार शुरु होने के 50 साल बाद का सबसे बड़ा बदलाव था. इसमें देशभर के शिक्षकों से सीधे ही राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2017 के लिए आवेदन मांगे गए थे, जबकि पहले ऐसा नहीं था. पिछले साल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने खुद ही अलग से शिक्षकों को चयन की कोई गाइडलाइन तय नहीं कर रखी थी. बस हर राज्य का कोटा तय था. राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले शिक्षकों को ही मेरिट के आधार पर अगले साल राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित कर दिया जाता था.
पहले राजस्थान का कोटा 15 शिक्षकों का तय था. पिछले साल 2017 में राज्य स्तर पर जिन शिक्षकों को सम्मानित किया गया. उनमें ही मेरिट में टॉप रहने वाले 15 शिक्षकों को अगले साल राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना था. प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर पर माध्यमिक शिक्षा के पांच, प्रारंभिक शिक्षा के सात, संस्कृत शिक्षा के दो और विशेष शिक्षा से एक शिक्षक यानी कुल 15 शिक्षकों का कोटा तय था. इसको घटाकर अब छह कर दिया गया है.
मंत्रालय ने तय किया था क्राइटेरिया
एमएचआरडी के नए नियमों की बात करें तो 100 अंकों का एक क्राइटेरिया तय किया गया था. इसमें शिक्षक की अलग-अलग उपलब्धियों के हिसाब से अलग-अलग अंक तय थे. ऑनलाइन आवेदन आने के बाद सभी नाम जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी एक कमेटी को भेजे जाने का प्रावधान किया गया था. यहां से नाम तय होने के बाद राज्य स्तरीय कमेटी को भेजने का प्रावधान रखा गया था. राज्य स्तरीय कमेटी ने नामों को चयन कर पैनल बनाकर राष्ट्रीय स्तर की कमेटी को भेजा था. इस सूची में शामिल चयनित शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर की इस कमेटी के सामने अपना एक प्रजेंटेशन भी देना था. आखिर में प्रजेंटेंशन के बाद ही अंतिम रूप से सम्मान के लिए शिक्षकों का चयन होना था.
ऐसा नहीं है कि सम्मानित होने वाले शिक्षकों की संख्या इसी बार घटी है, बल्कि बीजेपी सरकार के शासनकाल में लगातार इस संख्या में गिरावट भी आई है. पहले साल 2014 तक 15 शिक्षक सम्मानित होते आए. लेकिन इसके बाद 2015 में 13, 2016 में 14, 2017 में 10 और इस बार पहले कोटा 15 से घटकर 6 हुआ और सम्मानित महज दो ही शिक्षक होंगे. यह काम सरकार के शिक्षा के उठते स्तर के दावे पर किसी तमाचे से कम नहीं है.

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