मंगलवार, 18 सितंबर 2018

राजस्थान में होने वाली है बत्तीगुल

इसके पीछे वजह है बिजली विभाग के इंजीनियर और तकनीकी कर्मचारियों जायज मांग को सरकार के द्वारा नहीं मानना है।
जयपुर। राजस्थान की बत्ती गुल होने वाली है. लोगों को अंधेरे में रहना पड़ेगा. क्योंकि बिजली कंपनियों के करीब 8 से 9 हजार कर्मचारी महापड़ाव डाले हुए है. बिजली कंपनियों के जेईएएन और तकनीकी हेल्परों के महापड़ाव ने प्रशासन की नींद उड़ी पड़ी है.

अपनी मांगों के लिए जयपुर के जगतपुरा में एसकेआईटी कॉलेज के पीछे धरने पर बैठे कर्मचारियों ने साफ अल्टीमेटम दिया है. मांगें नहीं मानने तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने के लिए चेतावनी दी है. दूसरी तरफ राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम , वितरण निगम ने कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है.


वहीं ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारी संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया गया है. ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव संजय मल्होत्रा के निर्देशन में हुई बैठक में सरकार स्तर पर ग्रेड- पे लागू करने के प्रयास की जानकारी दी गई, लेकिन कर्मचारी आदेश जारी करने पर अड़े रहे. पहले दौर की वार्ता विफल रही.


इसके बाद प्रशासन ने रेस्मा लागू करने पर मंथन शुरू कर दिया है. इस बीच प्रशासन ने प्रदेशभर में विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से बनाए रखने के भी निर्देश दिए है, हालांकि, ऐसे हालात में यदि विद्युत आपूर्ति में बड़ी तकनीकी खामी आती है तो जनता के लिए बड़ी परेशानी खड़ी होने की आशंका बन गई है. इससे निपटने के लिए बिजली कंपनियों के पास बहुत ज्यादा वैकल्पिक इंतजाम नहीं है.


महापड़ाव को कर्मचारी संगठनों  में प्रांतीय विद्युत मण्डल मजदूर फैडरेशन, पॉवर इंजीनियर एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, बिजली इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ जोधपुर डिस्कॉम, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन, राजस्थान बिजली वर्कर्स फैडरेशन, ऑल राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फैडरेशन, विद्युत कामगार एकता फैडरेशन, राजस्थान विद्युत मण्डल सचिवालय कर्मचारी संघ, राजस्थान विद्युत कर्मचारी एवं मजदूर महासंघ का समर्थन मिला है.

 इसके पीछे वजह है बिजली विभाग के इंजीनियर और तकनीकी कर्मचारियों जायज मांग को सरकार के द्वारा नहीं मानना है।
गौरतलब है कि पिछले 10 सालों से राजस्थान डिस्कॉम्स, प्रसारण और उत्पादन के तकनीकी कर्मचारी और कनिष्ठ अभियंता वेतन विसंगति की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। 1989 का सुप्रीम कोर्ट का आदेश देखा जाए तो तकनीकी कर्मचारियों को पे स्केल नंबर 3 देने की बात कही गई है, लेकिन मूकदर्शक और अंधी, बहरी सरकार ना तो किसी राजनेता की सुनने को तैयार है और ना ही कर्मचारी व अधिकारियों की। इसको देखते हुए राजस्थान विद्युत विभाग के सभी कनिष्ठ अभियंताओं और तकनीकी कर्मचारियों ने 17 तारीख से महापड़ाव तथा हड़ताल करने की चेतावनी दी है।

बनाई संयुक्त संघर्ष समिति

पहले सभी संगठन अपनी लड़ाई अलग-अलग लड़ते थे, लेकिन राजस्थान सरकार से परेशान होकर सभी अधिकारी व कर्मचारी अब एक बैनर तले आ गए हैं तथा संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया है। संयुक्त संघर्ष समिति ने पहले ही चेता दिया है कि 17 तारीख से अगर राजस्थान में बिजली सप्लाई बाधित हुई तो संपूर्ण जिम्मेदारी राजस्थान सरकार तथा विद्युत विभाग की होगी।

पहले भी मुख्यालयों और जिला हेड क्वार्टर पर कर चुके प्रदर्शन

संयुक्त संघर्ष समिति ने पहले जिला कलेक्टर और अधीक्षण अभियंताओं को ज्ञापन प्रस्तुत किया था, उसके बाद में 6 सितंबर को अजमेर, जयपुर तथा बीकानेर(जोधपुर डिस्कॉम) में MD को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा तथा प्रदर्शन किया।

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