शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

मौजूदा सरकार के कार्यकाल का अंतिम विधानसभा सत्र हंगामें की भेट चडा

जयपुर। सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम विधानसभा सत्र हंगामें की भेट चढ़ते दिख रहा है. मानसून सत्र के तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायकों के हंगामे के चलते प्रश्नकाल की कार्यवाही महज 16 मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई.

एक तरफ जहां विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में था. वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष जवाबों के साथ तैयार था, लेकिन लगातार तीसरे दिन भी हंगामे के साथ सदन शुरू हुआ और तीसरे दिन प्रश्नकाल में प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं से वंचित गांव का प्रश्न कांग्रेस के विधायक नन्द किशोर मेहरिया द्वारा लगाया गया था.


सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने पहला प्रश्न शुरू होने से पहले पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम के चलते हो रही महंगाई का मामला उठाना चाह जिसका संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने विरोध किया. विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने भी नियमानुसार प्रश्नकाल चलने देने की बात कही, लेकिन रामेश्वर डूडी चुप नहीं हुए और महंगाई के साथ ही गुरूवार को यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना का विरोध करने लगे.

ऐसे में सत्तापक्ष के राजेन्द्र राठौड़, मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर, उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ और गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया सहित सत्तापक्ष के विधायकों ने हंगामा कर रहे कांग्रेस विधायकों का विरोध किया. जिसके बाद दोनों ही पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. सदन में चल रहे इस हंगामें के बीच कांग्रेस विधायक वैल में आकर नारेबाजी करने लगे. कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत सदन में ही महंगाई कम करो के नारे लगाते दिखी.


ऐसे में उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल से हंगामा कर रहे कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर निकालने की मांग की. वहीं संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने हंगामा कर रहे विधायकों से कहा कि सदन नियमों से चलता है हंगामे से नहीं. राठौड़ ने कहा कि सदस्य जानबूझकर हंगामा कर प्रश्नकाल को नहीं चलने देना चाहते है. राठौड़ ने इस बीच स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत का भी हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष से कहा कि कम से कम आप इस कुर्सी की तो मर्यादा रखे जिसपर कभी स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत बैठे थे.

इस बीच गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को भी सदन में गुस्सा आ गया और कटारिया ने डूडी को कहा कि आप नेता प्रतिपक्ष है और प्रश्नकाल में इस तरह के मामले उठाना आपको शोभा नहीं देता. वहीं मदन राठौड़ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकाल में 1836 प्रश्न स्थगित हुए थे तब कांग्रेस विधायकों ने विरोध क्यो नहीं किया. सदन में हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल की बची हुई कार्यवाही स्थगित कर दी.



गौरतलब है कि गुरूवार को भी हंगामे के चलते प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो पाई थी. प्रश्नकाल में पहला सवाल निर्दलीय नंदकिशोर महरिया का चिकित्सा विभाग से जुड़ा था, लेकिन हंगामे के कारण उसका सही से जवाब नहीं आ पाया जिससे महरिया नाराज है. महरिया के अनुसार सरकार ने जानबूझकर उनके सवाल का सही तरीके से जवाब नहीं दिया. वहीं उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर जानबूझकर सदन नहीं चलने देने का आरोप लगाया.

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