रविवार, 23 सितंबर 2018

सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे से पूछा 32वां प्रश्न

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आज 32वां प्रश्न पूछा है कि ‘‘भाजपा सरकार की कार्यशैली से कई ग्रामीण विकास की महत्वपूर्ण योजनाओं के ठप होने पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं?

पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी गौरव यात्रा में जनता को भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा देने का दावा कर रही हैं और यह भी कह रही हैं कि उनका शासन कांग्रेस से बेहतर है, लेकिन 70 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवेश वाले राजस्थान के ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाएं जो छोटी-छोटी राशि की लागत वाली होती हैं, उनको भी वे पांच साल में पूरा नहीं कर पाई हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में स्वीकृत 24390 कामों में से जहां उन्होंने 2153 काम रद्द कर दिए हैं, वहीं पांच महिनों में केवल 368 काम पूरे किए हैं, अर्थात 25 पंचायतों में से 1 पंचायत में पांच माह में एक काम पूरा हुआ है। 

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार वर्ष 2017-18 में स्वीकृत 26463 कामों में से भाजपा सरकार ने 7586 काम रद्द कर दिए, जबकि केवल 9005 कार्य ही पूरे हुए हैं, जो कि स्वीकृत कार्यों का मात्र 35 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में राशि 1282 करोड़ रुपए एवं 2017-18 में 984 करोड़ रुपए का प्रावधान तो रखा गया, परंतु कार्यों की प्रगति इतनी कम होने से ग्रामीण विकास अवरुद्ध रहा और बजट प्रावधान दिखावा मात्र बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार औसतन 4.50 लाख राशि के कार्य को भी एक वर्ष में पूरा नहीं कर पाई, जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री के मॉनिटरिंग के दावे व कलेक्टर्स कान्फ्रेंस जैसे कार्यक्रम औपचारिकता मात्र साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यही स्थिति भाजपा सरकार के पिछले वर्षों की है, जो ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रश्न खड़ा करती है।

उन्होंने कहा कि सांसद एवं विधायक क्षेत्रीय विकास योजनाओं में 1 अप्रैल, 2018 को 482 करोड़ रुपया भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण बिना उपयोग के पड़ा रहा एवं इस वर्ष विधायक क्षेत्रीय विकास योजना में सरकार ने कोई पैसा जारी नहीं किया है। इस फंड में भी 42 प्रतिशत व्यय होना यह सिद्ध करता है कि पंचायतों के माध्यम से ग्रामीण विकास करवाने में भाजपा सरकार की कोई रुचि नहीं है। 

 सांसद आदर्श ग्राम योजना राजस्थान में पूरी तरह विफल रही है, 35 सांसदों ने 105 ग्राम पंचायतों के चयन के विरुद्ध केवल 76 आदर्श ग्राम पंचायतों का चयन किया है, इनमें कुल 3436 कार्य चयनित किए गए हैं, जिनमें से 1705 कार्य शुरू हुए और अब तक केवल 1309 काम पूरे हुए हैं, जो कि लक्ष्य का मात्र 38 प्रतिशत है। इस प्रकार 1731 कामों की तो स्वीकृति ही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विडम्बना है कि चालू वर्ष में 23 सांसदों ने तो अपनी ग्राम पंचायत का चयन ही नहीं किया और जिन 12 सांसदों ने चयन किया, उनमें से 7 सांसदों ने ग्राम विकास योजना का अनुमोदन तक नहीं किया।

  पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना के अंतर्गत 3 वर्षों में 600 गांवों का चयन होना था, लेकिन केवल 284 गांवों का ही चयन किया गया, जो 50 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष में एक भी गांव का चयन अभी तक नहीं हुआ है। तीन वर्ष पूर्व स्वीकृत 16643 कामों से 7077 कार्य ही पूर्ण हुए हैं जो कि 42 प्रतिशत ही है, यानी 3 साल पुराने काम अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास योजनाओं की शिथिल प्रगति और ग्रामीण रोजगार के कमजोर होने पर क्या आप गौरव महसूस करती हैं?

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