बुधवार, 19 सितंबर 2018

अर्द्धनग्न प्रदर्शन कर बिजलीकर्मियों ने जताया विरोध

अनिष्चिकालीन महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी, जलदाय विभाग, जेडीए, मेट्रो, राजस्थान कर्मचारी महासंघ ने भी दिया महापड़ाव को समर्थन, नेताओं के निलंबन आदेष से भड़का आक्रोष, हजारों कर्मचारियों द्वारा सामुहिक भुख हड़ताल सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी

जयपुर। विद्युत विभाग में कार्यरत बिजली कर्मचारी (अभियंता एवं कर्मचारियों ) की पांच सूत्री ज्वलंत मांग को लेकर सोमवार से शुरू हुआ अनिष्चितकालीन महापड़ाव मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। महापड़ाव के दूसरे दिन कर्मचारियों ने अर्द्धनग्न होकर विरोध प्रदर्षन किया एवं मांगे नहीं माने जाने तक सभी कर्मचारियों द्वारा भुख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी। 
पांच सूत्री मांगों को लेकर चल आंदोलन एवं राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे बार-बार आष्वासन के बावजुद मांगों का निदान नहीं करने के विरोध मंे राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच के बैनर तले 17 सितंबर से शुरू हुआ महापड़ाव मंगलवार को भी जारी रहा। महापड़ाव को दूसरे दिन जलदाय विभाग, जयपुर मेट्रो, जयपुर जेडीए, नगर निगम जयपुर, राजस्थान कर्मचारी महासंघ द्वारा समर्थन देते हुए उनके अभियंता एवं कर्मचारी भी शामिल हुए। इससे महापड़ाव कर बिजली कर्मचारी एवं अभियंताओं का जोष पहले से दुगना हो गया। मंगलवार को निगम प्रषासन द्वारा वार्ता के लिए नहीं बुलाने एवं ग्रेड पे के आदेष जारी नहीं होने से आक्रोषित कर्मचारियों ने महापड़ाव स्थल पर ही हजारों कर्मचारियों ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्षन किया। साथ ही निगम प्रषासन एवं राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही इन मांगांे पर जल्द आदेष जारी नहीं होने की स्थिति में महापड़ाव में उपस्थित सभी कर्मचारियों द्वारा भुख हड़ताल करने सहित उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी हैं। 
मगलवार को राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा आयोजित इस महापड़ाव में इंटक के प्रदेषाध्यक्ष बजरंगलाल मीणा, राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएषन के प्रदेषाध्यक्ष पृथ्वीराज गुर्जर, बेजोड़ के महासचिव राकेष वर्मा, पीयर्स के घनष्याम गुजर्र, एटक के केषव व्यास, आरआरवीकेएफ इंटक के एस.पी. शर्मा, केएमएस के रामकुमार व्यास, युसुफ कुरेषी सहित संगठनों के प्रदेष भर से नेता महापड़ाव में पहुंच चुके थे।
दूसरे दिन नहीं हुई वार्ताः
राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा सोमवार से शुरू हुए अनिष्चितकालीन महापड़ाव के पहले दिन पहले दोर की वार्ता विफल रहने के बाद मंगलवार को उम्मीद थी कि दूसरे दौर का वार्ता निगम प्रषासन द्वारा की जाएगी। लेकिन दूसरे दिन मंगलवार को निगम प्रषासन द्वारा आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए नहीं बुलाया। इससे आंदोलन के खत्म होने को लेकर कोई आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं। 
निलंबन आदेष से भड़का गुस्साः
राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा किए जा रहे आंदोलन के दूसरे दिन निगम प्रषासन द्वारा वार्ता नहीं किए जाने एवं आंदोलन को दबाने के लिए कर्मचारी नेताओं के निलंबन के आदेष जारी करने से कर्मचारियों का गुस्सा भड़क गया। ऐसे में कर्मचारियों द्वारा प्रषासन के इस तुगलकी आदेष का विरोध जताया और इस तरह की कार्यवाही आगे जारी रहने पर हजारों कर्मचारियों द्वारा सामुहिक भुख हड़ताल करने सहित आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी। 
यह हैं प्रमुख मांगेः
राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी एकता मंच द्वारा तैयार मांग पत्र में आईटीआई प्रषिक्षित तकनीकी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथी से ग्रेड पे 2400 देने, कनिष्ठ अभियंताओं को अन्य विभागों की तरह ग्रेड पे 4800 देने, अधिमानता के आधार पर हायर सैकेण्डरी उर्तीण अनुकंपात्मक कर्मचारियों को लिपिक बनाने, विद्युत निगमों में वेतन श्रृंखला 1 से 6 तक कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों की पदोन्नति 3 वर्ष मंे अनिवार्य रूप से करने, 2 से 6 पे स्केल तक के तकनीकी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची निगम स्तर पर बनाने की मांग की जाएगी। इसी क्रम मंे 2004 के पष्चात भर्ती सभी कर्मचारियों पर लागू मेडिक्लेम पाॅलिसी को कैषलेस करने, पांचों निगमों मंे बकाया प्रोत्साहन राषि का वितरण करने, पेंषन, फंड, पीएमसीएफ फंड में सभी निगमों की बकाया राषि प्रति माह नियमित भुगतान करने, 2004 के पष्चात भर्ती हुए कर्मचारियों को पूर्व के समान पेंषन लागू करने, पांचों निगमों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए पारस्परिक स्थानान्तरण नीति लागू करने, फीडर इंचार्ज के नाम पर तकनीकी कर्मचारियों का शोषण बंद करने की मांग शामिल हैं। 

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