जयपुर । ओसवाल ग्रुप पर आयकर विभाग का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. ग्रुप के 45 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की कार्रवाई तीसरे दिन भी लगातार जारी है।
आयकर विभाग द्वारा अब तक की गई छापेमारी की कार्रवाई में पांच करोड़ रुपए की नकदी और करीब डेढ़ करोड़ रुपए की ज्वेलरी जब्त की गई है. इसके अलावा अघोषित रूप से करोड़ों रुपए का निवेश मिला है. विभाग ने समूह के कच्चे माल की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज भी जब्त किए है, जिसमें भारी मात्रा में अघोषित आय का खुलासा होने की संभावना हैं ।
विभाग ने गुरुवार को इस समूह के देशभर में 47 ठिकानों पर छापेमारी कर कार्रवाई शुरू की थी। ग्रुप के जयपुर स्थित एमडी रोड, मानसरोवर, झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्ट्री, विश्वकर्मा, मालवीय नगर, ब्रह्मपुरी, जौहरी बाजार आदि ठिकानों पर कार्रवाई जारी है. अघोषित आय का खुलासा शनिवार शाम तक होने की संभावना है। इस कार्रवाई में आयकर विभाग ने 46 टीमें बनाई हैं, जिनमें शामिल 200 से ज्यादा आयकर अधिकारी और स्टाफ कार्रवाई में जुटे हैं।
बैंक लॉकर में मिले करोड़ों के निवेश के दस्तावेज
आयकर विभाग द्वारा कार्रवाई के दौरान ग्रुप मालिकों के बैंक लॉकर को सीज किया गया और जब लॉकर की जांच की गई तो लॉकर में से करोड़ों रुपए के जमीनों के कागजात और निवेश के कागजात मिले हैं। जो बेनामी संपत्ति की तरफ इशारा करते हैं।
आयकर विभाग द्वारा अब तक की गई छापेमारी की कार्रवाई में पांच करोड़ रुपए की नकदी और करीब डेढ़ करोड़ रुपए की ज्वेलरी जब्त की गई है. इसके अलावा अघोषित रूप से करोड़ों रुपए का निवेश मिला है. विभाग ने समूह के कच्चे माल की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज भी जब्त किए है, जिसमें भारी मात्रा में अघोषित आय का खुलासा होने की संभावना हैं ।
विभाग ने गुरुवार को इस समूह के देशभर में 47 ठिकानों पर छापेमारी कर कार्रवाई शुरू की थी। ग्रुप के जयपुर स्थित एमडी रोड, मानसरोवर, झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थित फैक्ट्री, विश्वकर्मा, मालवीय नगर, ब्रह्मपुरी, जौहरी बाजार आदि ठिकानों पर कार्रवाई जारी है. अघोषित आय का खुलासा शनिवार शाम तक होने की संभावना है। इस कार्रवाई में आयकर विभाग ने 46 टीमें बनाई हैं, जिनमें शामिल 200 से ज्यादा आयकर अधिकारी और स्टाफ कार्रवाई में जुटे हैं।
बैंक लॉकर में मिले करोड़ों के निवेश के दस्तावेज
आयकर विभाग द्वारा कार्रवाई के दौरान ग्रुप मालिकों के बैंक लॉकर को सीज किया गया और जब लॉकर की जांच की गई तो लॉकर में से करोड़ों रुपए के जमीनों के कागजात और निवेश के कागजात मिले हैं। जो बेनामी संपत्ति की तरफ इशारा करते हैं।

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