जयपुर। प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी कौन होंगे इसके पत्ते खुलना बाकि है। प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक में संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन भी हुआ लेकिन नाम तय नहीं हो पाए। इसके पीछे एक बड़ी वजह इन तीन सीटों पर दावेदारों की संख्या अधिक होना बताया जा रहा है।
हालांकि पर्दे के पीछे इन तीनों ही सीटों में से एक पर एसटी समाज में आने वाली मीणा जाति के किसी नेता और एक सीट पर गुर्जर या राजपूत समाज के एक नेता को भेजने की प्रदेश सरकार और संगठन की मंशा है। साथ ही कुछ वरिष्ठ नेता ऐसे भी है जिनका नाम राज्यसभा की इन सीटों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चल रहा है। राजस्थान से गुर्जर और मीणा समाज से किसी भी किसी नेता का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में चुनावी साल में इन समाज के किसी नेता को राजस्थान से राज्यसभा में भेजकर प्रदेश भाजपा और सरकार वोटों की फसल भी काटना चाहती है। तीन में से एक सीट पर भूपेन्द्र यादव का नाम लगभग तय है तो वहीं दो सीटों पर कई संभावित नेताओं के नाम सामने आ रहे है।
एसटी समाज से इन नेताओं को नाम चर्चा में
प्रदेश की तीन सीटों में से एक सीट पर एसटी समाज से आने वाले बीजेपी नेता को भेजने पर भी चर्चा है। यदि ऐसा होता है तो एसटी समाज में आने वाले मीणा जाति के ही किसी नेता को राज्यसभा में भेजा जाएगा। इनमें राजपा विधायक डॉ किरोड़ी लाल मीणा, बीजेपी एसटी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रामकिशोर मीणा का नाम चर्चा में है। किरोड़ी मीणा पहले भाजपा में थे लेकिन सीएम से नाराजगी के चलते राजपा के बैनर पर पिछला चुनाव लड़ा और 4 सीटों पर राजपा विधायक भी जीते।
केन्द्र में राजपा बीजेपी का सहयोगी दल है लेकिन किरोड़ी मीणा का नाम आगे होने पर बीजेपी के मौजूदा मीणा समाज से आने वाले नेताओं की पार्टी से दूर होने की संभावना है। ऐसे में किरोड़ी मीणा मौका मिलने पर अपने भाई जगमोहन मीणा का नाम आगे कर सकते है। वहीं प्रदेश भाजपा एसटी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रामकिशोर मीणा भी राज्यसभा की सीट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे है। मीणा पिछली बीजेपी वसुंधरा सरकार में मंत्री भी रह चुके है और उनकी छबि भी साफ है।
वहीं एसटी समाज से आने वाले अन्य कुछ नेताओं के नाम भी चर्चा में है। वही गुर्जर समाज से भी कई भाजपा नेता राज्यसभा जाने को बेताब है तो वहीं प्रदेश संगठन भी राजस्थान में आरक्षण को लेकर चल रहे गुर्जरों की नाराजगी को दूर करने के लिए इस समाज को प्रतिनिधित्व देने का विचार कर सकती है लेकिन इस पर अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व ही करेगा।
प्रदेश के साथ कई केन्द्रीय नेता भी कतार में
राज्यसभा की तीन सीटों पर दावेदारों की सूची में प्रदेश से राजपूत समाज से मौजूदा उद्योग मंत्री राजपाल सिंह, पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी का नाम चर्चा में है तो वही मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी राज्यसभा जाने के इच्छुक बताए जा रहे है। वहीं दिल्ली से भूपेन्द्र यादव के अलावा केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली का नाम भी इन दिनों चर्चाओं में है लेकिन जेटली को यूपी से राज्यसभा में भेजा जाने की संभावना ज्यादा है।
वहीं बात राजस्थान से आने वाले यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल का नाम भी राजस्थान से राज्यसभा के लिए चर्चाओं में है। हालांकि चुनावी साल को देखते हुए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तीन में से दो सीटों पर प्रत्याशी तय करने के लिए प्रदेश नेतृत्व और प्रदेश सरकार को फ्री हैंड दे सकती है। फिलहाल नामाकंन की अंतिम तारीख 12 मार्च है ऐसे में संभवता 9 मार्च बाद कभी भी तीनों सीटों के लिए केन्द्रीय नेतृत्व प्रत्याशियों की घोषणा कर सकता है।
हालांकि पर्दे के पीछे इन तीनों ही सीटों में से एक पर एसटी समाज में आने वाली मीणा जाति के किसी नेता और एक सीट पर गुर्जर या राजपूत समाज के एक नेता को भेजने की प्रदेश सरकार और संगठन की मंशा है। साथ ही कुछ वरिष्ठ नेता ऐसे भी है जिनका नाम राज्यसभा की इन सीटों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चल रहा है। राजस्थान से गुर्जर और मीणा समाज से किसी भी किसी नेता का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में चुनावी साल में इन समाज के किसी नेता को राजस्थान से राज्यसभा में भेजकर प्रदेश भाजपा और सरकार वोटों की फसल भी काटना चाहती है। तीन में से एक सीट पर भूपेन्द्र यादव का नाम लगभग तय है तो वहीं दो सीटों पर कई संभावित नेताओं के नाम सामने आ रहे है।
एसटी समाज से इन नेताओं को नाम चर्चा में
प्रदेश की तीन सीटों में से एक सीट पर एसटी समाज से आने वाले बीजेपी नेता को भेजने पर भी चर्चा है। यदि ऐसा होता है तो एसटी समाज में आने वाले मीणा जाति के ही किसी नेता को राज्यसभा में भेजा जाएगा। इनमें राजपा विधायक डॉ किरोड़ी लाल मीणा, बीजेपी एसटी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रामकिशोर मीणा का नाम चर्चा में है। किरोड़ी मीणा पहले भाजपा में थे लेकिन सीएम से नाराजगी के चलते राजपा के बैनर पर पिछला चुनाव लड़ा और 4 सीटों पर राजपा विधायक भी जीते।
केन्द्र में राजपा बीजेपी का सहयोगी दल है लेकिन किरोड़ी मीणा का नाम आगे होने पर बीजेपी के मौजूदा मीणा समाज से आने वाले नेताओं की पार्टी से दूर होने की संभावना है। ऐसे में किरोड़ी मीणा मौका मिलने पर अपने भाई जगमोहन मीणा का नाम आगे कर सकते है। वहीं प्रदेश भाजपा एसटी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रामकिशोर मीणा भी राज्यसभा की सीट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे है। मीणा पिछली बीजेपी वसुंधरा सरकार में मंत्री भी रह चुके है और उनकी छबि भी साफ है।
वहीं एसटी समाज से आने वाले अन्य कुछ नेताओं के नाम भी चर्चा में है। वही गुर्जर समाज से भी कई भाजपा नेता राज्यसभा जाने को बेताब है तो वहीं प्रदेश संगठन भी राजस्थान में आरक्षण को लेकर चल रहे गुर्जरों की नाराजगी को दूर करने के लिए इस समाज को प्रतिनिधित्व देने का विचार कर सकती है लेकिन इस पर अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व ही करेगा।
प्रदेश के साथ कई केन्द्रीय नेता भी कतार में
राज्यसभा की तीन सीटों पर दावेदारों की सूची में प्रदेश से राजपूत समाज से मौजूदा उद्योग मंत्री राजपाल सिंह, पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी का नाम चर्चा में है तो वही मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी राज्यसभा जाने के इच्छुक बताए जा रहे है। वहीं दिल्ली से भूपेन्द्र यादव के अलावा केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली का नाम भी इन दिनों चर्चाओं में है लेकिन जेटली को यूपी से राज्यसभा में भेजा जाने की संभावना ज्यादा है।
वहीं बात राजस्थान से आने वाले यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल का नाम भी राजस्थान से राज्यसभा के लिए चर्चाओं में है। हालांकि चुनावी साल को देखते हुए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तीन में से दो सीटों पर प्रत्याशी तय करने के लिए प्रदेश नेतृत्व और प्रदेश सरकार को फ्री हैंड दे सकती है। फिलहाल नामाकंन की अंतिम तारीख 12 मार्च है ऐसे में संभवता 9 मार्च बाद कभी भी तीनों सीटों के लिए केन्द्रीय नेतृत्व प्रत्याशियों की घोषणा कर सकता है।

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