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| थानेदार ने उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया |
24 घंटे से अधिक की हिरासत पर कर दिया सवाल
घटनाक्रम का आरंभ कुछ यूं हुआ। मोटरसाइकिल चोरी के एक मामले में चौथम पुलिस ने छह युवकों को संदेह के आधार पर मंगलवार को हिरासत में लिया। पूछताछ 24 घंटे बाद तक जारी रही तो हिरासत में लिए गए अपने मामा इंदल कुमार से मिलने पहुंचे तेगाछी निवासी छात्र अभिषेक कुमार ने थानेदार से सवाल कर दिया। उसने कानून का हवाला देकर कहा कि पुलिस 24 घंटे से अधिक किसी से पूछताछ नहीं कर सकती।
पटना के सेंट जोसेफ स्कूल में 12वीं का छात्र है पीडि़त
पढ़े-लिखे अभिषेक की गलती यह थी कि उसने थानेदार से अंग्रेजी में बातचीत कर ली। अभिषेक पटना के सेंट जोसेफ स्कूल में 12वीं का छात्र है और अपने घर चौथम आया था।
अंग्रेजी सुन वर्दी को चढ़ गई गर्मी
एक तो पुलिस से सवाल, उपर से अंग्रेजी में बातचीत। ऐसे में वर्दी को गर्मी चढ़ गई तो क्या आश्चर्य? फिर तो पुलिस को अभिषेक पर भी मोटरसाइकिल चोरी का संदेह होना ही था। थानेदार का आदेश गूंजा और अभिषेक भी हाजंत में बंद अपने मामा के पास पहुंचा दिया गया।
दो दिनों तक हाजत में बंद कर पीटा, फिर 50 हजार लेकर छोड़ा
अभिषेक के अनुसार फिर अगले दो दिनों तक उसे हाजत में बंद कर 'अंग्रेजी' बोलने की सजा पीट-पीटकर दी गई। अभिषेक की मां के अनुसार थानेदार ने घायल अभिेषेक को छोड़ने के बादले दलाल के माध्यम से 50 हजार रुपये लिए, फिर जबरन पीआर बांड भरवा कर छोड़ा।
मामला ऐसे हो गया उजागर
पुलिस बर्बरता व मनमानी का यह मामला अन्य मामलों की तरह ही दब जाता, अगर अभिषेक की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जाता। यहां उसपर मीडिया की नजर पड़ गई और मामला खुल गया। रो-रोकर अभिषेक ने पूरी कहानी मीडिया को सुना दी। इसका वीडियो जब वायरल हो गया तो पुलिस भी बैकफुट पर आ गई।
एसपी ने की कार्रवाई, थानेदार ने दी सफाई
फिर, वहीं हुआ जो ऐसे मामलों में होता है। खगड़िया की एसपी मीनू कुमारी ने सदर एसडीपीओ को जांच का आदेश दिया और उनकी प्रारंभिक रिपोर्ट पर चौथम थानाध्यक्ष मुकेश कुमार और दाराेगा श्याम मूरत सिंह को निलंबित कर दिया। उधर, घटना को लेकर निलंबित थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने अपनी सफाई दी। उन्होंने मारपीट की घटना से इन्कार किया। कहा कि छात्र को पूछताछ के बाद पीआर बांड पर छोड़ दिया गया। लेकिन, वे यह नहीं बता सके कि छात्र पर चोरी का संदेह क्यों हुआ और उसे हाजत में बंद कर पूछताछ की क्या जरूरत थी।

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