राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बने तीन महीने हो गए हैं। इन तीन महीनों में उन्होंने संगठन से जुड़ा कोई बड़ा फैसला नहीं किया है। कोई नई नियुक्ति नहीं की है और न कोई बदलाव किया है। कांग्रेस कार्यसमिति जरूर भंग हुई है लेकिन वह वैसे भी पुराने अध्यक्ष के हटने के बाद भंग हो जाती है। इसकी जगह राहुल गांधी ने जो कामचलाऊ संचालन समिति बनाई उसमें भी वहीं सारे लोग रखे गए, जो कार्यसमिति में थे।
राहुल के दिसंबर में अध्यक्ष बनने के बाद से यह चर्चा थी कि वे टीम बना रहे हैं। राष्ट्रीय संगठन में नई नियुक्तियां होंगी और प्रदेशों में अध्यक्ष बदले जाएंगे। 18 मार्च को कांग्रेस का अधिवेशन खत्म होने के बाद कहा गया कि उलटी गिनती शुरू हो गई है और किसी भी वक्त नई नियुक्तियों की घोषणा हो सकती है। पर ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी और उनकी टीम को नई नियुक्तियों में मुश्किल हो रही है। तभी हर राज्य में पार्टी के अंदर कलह की खबरें आ रही हैं।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में जितिन प्रसाद को अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने 18 मार्च को ही कांग्रेस के अधिवेशन की जगह पर ही संकेत किया था कि 24 घंटे में घोषणा हो सकती है। पर चार दिन बाद भी यह स्थिति है कि राज बब्बर के इस्तीफे को लेकर ऊहापोह है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दूसरे ब्राह्मण नेताओं ने फच्चर डाला और राज्यसभा चुनाव के बहाने इसे 23 मार्च तक टलवाया।
इसी तरह गुजरात में अमर सिंह सोलंकी के इस्तीफे की खबर आई और कहा गया कि वे ढाई महीने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। पर अचानक उनका इस्तीफा रूक गया और अमेरिका जाने का कार्यक्रम भी टल गया। सूत्रों के मुताबिक वहां भी पार्टी आलाकमान एक राय नहीं बना पा रहा है। ओड़िशा में राहुल गांधी ने कह दिया कि प्रसाद हरिचंदन प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे, जिसका नतीजा यह हुआ है कि प्रदेश कांग्रेस के दर्जनों नेताओं ने मोर्चा खोला है। ऐसे ही पश्चिम बंगाल में अधीर रंजन चौधरी की जगह नया अध्यक्ष बनाने और बिहार में कार्यकारी अध्यक्ष की जगह पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने का फैसला भी आसान नहीं दिख रहा है।
राहुल के दिसंबर में अध्यक्ष बनने के बाद से यह चर्चा थी कि वे टीम बना रहे हैं। राष्ट्रीय संगठन में नई नियुक्तियां होंगी और प्रदेशों में अध्यक्ष बदले जाएंगे। 18 मार्च को कांग्रेस का अधिवेशन खत्म होने के बाद कहा गया कि उलटी गिनती शुरू हो गई है और किसी भी वक्त नई नियुक्तियों की घोषणा हो सकती है। पर ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी और उनकी टीम को नई नियुक्तियों में मुश्किल हो रही है। तभी हर राज्य में पार्टी के अंदर कलह की खबरें आ रही हैं।
कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में जितिन प्रसाद को अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने 18 मार्च को ही कांग्रेस के अधिवेशन की जगह पर ही संकेत किया था कि 24 घंटे में घोषणा हो सकती है। पर चार दिन बाद भी यह स्थिति है कि राज बब्बर के इस्तीफे को लेकर ऊहापोह है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दूसरे ब्राह्मण नेताओं ने फच्चर डाला और राज्यसभा चुनाव के बहाने इसे 23 मार्च तक टलवाया।
इसी तरह गुजरात में अमर सिंह सोलंकी के इस्तीफे की खबर आई और कहा गया कि वे ढाई महीने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। पर अचानक उनका इस्तीफा रूक गया और अमेरिका जाने का कार्यक्रम भी टल गया। सूत्रों के मुताबिक वहां भी पार्टी आलाकमान एक राय नहीं बना पा रहा है। ओड़िशा में राहुल गांधी ने कह दिया कि प्रसाद हरिचंदन प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे, जिसका नतीजा यह हुआ है कि प्रदेश कांग्रेस के दर्जनों नेताओं ने मोर्चा खोला है। ऐसे ही पश्चिम बंगाल में अधीर रंजन चौधरी की जगह नया अध्यक्ष बनाने और बिहार में कार्यकारी अध्यक्ष की जगह पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने का फैसला भी आसान नहीं दिख रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें