राजस्थान का निर्माण बहुत से मार्ग से होकर गुजरा है। राजपूताना की 19 रियासतों और 3 खुद मुख्तयार ठिकाने व अजमेर मेरवाड़ा ब्रिटिश इलाके को भारत संघ में विलीन करके राजस्थान का निर्माण हुआ। 1 नवंबर 1956 को राजस्थान का नक्शा अस्तित्व में आया।
जयपुर। मत्स्य संघ का निर्माण अलवर ,धौलपुर, करौली, और भरतपुर रियासतों को मिलाकर हुआ हैं। जिसका स्थापना दिवस 17 मार्च 1948 को भरतपुर में आरंभ किया गया। वहीं राजस्थान 30 मार्च 1949 को बन गया। 15 मई 1949 में मत्स्य संघ का विलय हुआ। मत्स्य संघ का विलय 15 मई 1949 को राजस्थान राज्य में हुआ। मत्स्य संघ में धौलपुर महाराजा को संघ का राज प्रमुख, भरतपुर महाराजा को उप राजप्रमुख बनाया गया और अलवर को राजधानी बनाया गया।
पहले राजस्थान में 26 जिले बने, जो अब 33 जिले बन चुके है। बाबू शोभाराम को मुख्मंत्री( प्रधानमंत्री), जुगल किशोर चतुर्वेदी(भरतपुर) मंगलसिंह टांक(धौलपुर) मास्टर भोलानाथ (अलवर) गोपीलाल यादव(भरतपुर) और चिरंजीलाल शर्मा(करौली) को मंत्री चुना गया। मत्स्य संघ का उद्धघाटन 17 मई 1948 को भरतपुर में किया गया।
वरिष्ठ इतिहासकार हरिशंकर गोयल ने बताया कि राजपूताना अंग्रेज प्रेसीडेंसी की 22 रियासतों में से 19 रियासतों और 3 चीफ स्टेट से राजस्थान राज्य निर्मित हुआ है। सबसे पहले 9 दिसम्बर 1945 को उदयपुर शहर में लोक परिषद राजपूताना के सम्मेलन में यह प्रस्ताव लाया गया कि राजपूताना रियासतों को एक ही इकाई के रूप में भारतीय संघ में शामिल होना चाहिए। परिषद ने 20 जनवरी 1948 को सभी रियासतों को मिलाकर एक राज्य 'राजस्थान' बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
राजस्थान के निर्माण के लिए अलवर से ही आरंभ किया गया था । भारत के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने यह पहल की। 3 फरवरी 1948 को महाराजा तेजसिंह और प्रधानमंत्री एनबी खर्रे को देहली हाउस बुलाकर गिरफ्तार किया गया। वहीं खर्रे को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। जिसके बाद 5 फरवरी को अलवर रियासत को राजा ने भारत सरकार को सौंप दिया था।
जयपुर। मत्स्य संघ का निर्माण अलवर ,धौलपुर, करौली, और भरतपुर रियासतों को मिलाकर हुआ हैं। जिसका स्थापना दिवस 17 मार्च 1948 को भरतपुर में आरंभ किया गया। वहीं राजस्थान 30 मार्च 1949 को बन गया। 15 मई 1949 में मत्स्य संघ का विलय हुआ। मत्स्य संघ का विलय 15 मई 1949 को राजस्थान राज्य में हुआ। मत्स्य संघ में धौलपुर महाराजा को संघ का राज प्रमुख, भरतपुर महाराजा को उप राजप्रमुख बनाया गया और अलवर को राजधानी बनाया गया।
पहले राजस्थान में 26 जिले बने, जो अब 33 जिले बन चुके है। बाबू शोभाराम को मुख्मंत्री( प्रधानमंत्री), जुगल किशोर चतुर्वेदी(भरतपुर) मंगलसिंह टांक(धौलपुर) मास्टर भोलानाथ (अलवर) गोपीलाल यादव(भरतपुर) और चिरंजीलाल शर्मा(करौली) को मंत्री चुना गया। मत्स्य संघ का उद्धघाटन 17 मई 1948 को भरतपुर में किया गया।
वरिष्ठ इतिहासकार हरिशंकर गोयल ने बताया कि राजपूताना अंग्रेज प्रेसीडेंसी की 22 रियासतों में से 19 रियासतों और 3 चीफ स्टेट से राजस्थान राज्य निर्मित हुआ है। सबसे पहले 9 दिसम्बर 1945 को उदयपुर शहर में लोक परिषद राजपूताना के सम्मेलन में यह प्रस्ताव लाया गया कि राजपूताना रियासतों को एक ही इकाई के रूप में भारतीय संघ में शामिल होना चाहिए। परिषद ने 20 जनवरी 1948 को सभी रियासतों को मिलाकर एक राज्य 'राजस्थान' बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
राजस्थान के निर्माण के लिए अलवर से ही आरंभ किया गया था । भारत के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने यह पहल की। 3 फरवरी 1948 को महाराजा तेजसिंह और प्रधानमंत्री एनबी खर्रे को देहली हाउस बुलाकर गिरफ्तार किया गया। वहीं खर्रे को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। जिसके बाद 5 फरवरी को अलवर रियासत को राजा ने भारत सरकार को सौंप दिया था।
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