बुधवार, 7 मार्च 2018

बिजली ट्रांसफार्मर से जुड़े हादसों के मामले में सदन में जमकर हंगामा हुआ।

जयपुर। प्रदेश में बिजली ट्रांसफार्मर से जुड़े हादसों के मामले में सदन में जमकर हंगामा हुआ। सरकार और विपक्ष के नेताओं को बीच जमकर बहसबाजी हुई। यह इतनी बढ़ गई कि ऊर्जा राज्यमंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने यह तक कह डाला कि मौजूदा सरकार के अब तक के कार्यकाल में 655 कर्मियों और लोगों की मौत ट्रांसफार्मर या बिजली के कारणों से हुई जबकि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मौत का यह आंकड़ा 1 हजार से अधिक था।

विधानसभा के प्रश्नकाल में यह मामला कांग्रेस के घनश्याम मेहर ने उठाते हुए ट्रांसफार्मर दुखांतिकाओं में मुआवजे और दोषी अधिकारियों और इंजीनियरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। मेहर ने सदन में आरोप लगाया कि शाहपुरा के खतलोई ट्रांसफार्मर हादसे के बाद भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बजाए उन्हे प्रमोशन दिया गया।
इस दौरान कांग्रेस विधायक गोविन्द डोटासरा ने डिस्कॉम एमडी आरजी गुप्ता का नाम लेते हुए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि अफसर पावरफुल हो रहे है।


हालांकि जवाब में मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने हादसों की मुख्य वजह आमजन द्वारा सिंगल फेज को थ्री फेज करना बताया। उनके अनुसार अधिकतर मामलों में ऐसा होने से ट्रांसफार्मर जलते हैं और हादसे होते हैं। मंत्री ने खातोलाई मामले में बताया कि घटना के बाद मीटर टेस्टिंग में 22.64 का लोड आया था और इस मामले में अधिशासी अभियंता और फीडर इंचार्ज को निलंबित किया गया। मंत्री ने बताया कि यदि गारंटी अवधि में ट्रांसफार्मर खराब हुआ तो वह रिपेयर नहीं होगा बल्कि उसके बदले नया ट्रांसफार्मर ही कंपनी देगी यह नियम बनाया गया है।

सदन में विधायक सुखराम विश्नोई के पूरक प्रश्न पर विधायक फूलचंद भिंडा और कांग्रेस विधायकों के बीच तीखी नोखझोक हुई। इस दौरान मंत्री पुष्पेन्द सिंह ने बताया कि बिजली से जुड़े हादसों में सामान्य परिस्थितियों में पीड़ित परिवार को 5 लाख का मुआवजा दिया जाता है। मंत्री ने बताया कि यदि डिस्कॉम की गलती से हादसा हो तो सर्विसमैन को दस के बजाय बीस लाख देते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के समय यह राशि दस लाख रूपए थी।


मंत्री ने बताया कि जयपुर जिले में बिजली से हुए हादसों में 378 लोगों को मुआवजा दे दिया है जबकि 384 प्रकरणों को खारिज किया गया है। मंत्री के अनुसार कुछ प्रकरणों में जांच जारी है जो पूरी होने के बाद नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।

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