बुधवार, 21 मार्च 2018

पायलट ने भोज के जरिए किया शक्ति प्रदर्षन

अत्री कुमार दाघीच
जयपुर। प्रदेष कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट भोज की राजनीति के जरिए शक्ति प्रदर्षन में जुटे हुए हैं। इस शक्ति प्रदर्षन में दिल्ली में भी आधे सीपी एवं पीसीसी सहभोज को कांग्रेस अधिवेषन के दौरान भोज दिया गया जबकि अधिवेषन में आलाकमान ओर से भोज का आयोजन था। पायलट ने अपनी तरफ से भोज देकर सदस्यों को बाहर जाने से रोका। मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेष में हुए प्रदेष में हुए उपचुनाव में मिली सफलता से उत्साहित होकर पायलट भोज के जरिए पत्रकारों एवं कांग्रेस के सदस्यों के जरिए शक्ति दिखाने का काम कर रहे हैं। जबकि प्रदेष का अधिकांष कार्यकर्ता पायलट से दूरी बनाए हुए है। पायलट जयपुर प्रवास के दौरान आम कार्यकर्ता के बजाए चुनिन्दा चापलूस किस्म के व्यक्तियों से सम्पर्क साधते हैं। आला कमान ने पूर्व में निर्देष दिए थे कि प्रदेष में रह रहे स्वतंत्रता सेनानी के परिवार एवं पूर्व में कांग्रेस विचारधारा से जुडे व्यक्ति जो किन्हीं कारण से कांग्रेस से विलुप्त हो गए हैं।

 उनसे सम्पर्क साधकर पुनः कांग्रेस से जोडने का प्रयास किया जाए। राहुल गांधी ने प्रदेष के ऐसे परिवारों की सूची भी मांगी थी लेकिन मुख्यमंत्री बनने की चाह में इन निर्देषों को नजर अन्दाज ही नहीं किया गया बल्कि पिछले दिनों स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्यों के साथ पायलट के चापलूस सिपहसालार ने अभद्र व्यवहार करते हुए कार्यालय से बाहर निकाल दिया था। अभी हाल ही में यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी सदस्यों को भोज पर आमंत्रित कर संयुक्त चुनाव लडने के लिए राजी किया लेकिन प्रदेषाध्यक्ष सचिन पायलट सोनिया गांधी के सपनों को तीतर बितर करने में लगे हुए हैं। पिछले दिनों प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने सीकर प्रवास के दौरान पत्रकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कुछ पत्रकार प्रदेषाध्यक्ष सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने में लगे हुए हैं जबकि मुख्यमंत्री का तय आलाकमान करता है लेकिन चुनिन्दा चापलूस पत्रकारों के कारण अध्यक्ष अपना काम भूलकर मुख्यमंत्री की दौड में लग जाता है और इस कारण आम कार्यकर्ताओं के बीच दूरी बढ जाती है। सचिन पायलट के दिए भोज में पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा प्रोजेक्ट करने की मंषा जताते हुए पत्रकारों एवं पायलट के बीच सामंजस्य का काम चेयरपर्सन अर्चना शर्मा एवं सुरेष चौधरी ने किया जबकि भोजन की व्यवस्था राजेष चौधरी एवं प्रषान्त शर्मा ने की। इनके अलावा सभी पदाधिकारियों को भोज से दूर रखा गया। इससे पदाधिकारी दबी जुबां में इस भोज का विरोध करते नजर आए।

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